जयपुर। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि गोपाष्टमी का पर्व गौ माता की पूजा और सेवा से ही नहीं जुड़ा है, यह भारतीय संस्कृति में गाय के महत्व को प्रतिपादित करने वाला त्योंहार है। उन्होंने इस दिन गौ-माता के संरक्षण के साथ गौ उत्पादों के लिए प्रभावी वातावरण बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गोमूत्र एवं पंचगव्य असाध्य मानव रोगों के उपचार के लिए भी उपयोगी पाया गया है। बागडे ने गोपाष्टमी पर श्री पिंजरापोल गौशाला में आयोजित गोपाष्टमी पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने कहा कि गाय हमारे जीवन का पोषण ही नहीं करती बल्कि अर्थव्यवस्था का भी प्रमुख आधार है। उन्होंने गोपाष्टमी से जुड़ी कथा सुनाते हुए भगवान श्री कृष्ण से पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलने वाली सीख अपनाते हुए प्रकृति पूजन को दिनचर्या बनाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने गो-उत्पादों के महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि गाय के गोबर से प्राकृतिक खेती को ही समृद्ध नहीं किया जा सकता बल्कि गो-उत्पादों का प्रभावी विपणन कर हम देश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ कर सकते हैं। उन्होंने भारतीय नस्ल की देशी गो और उससे जुड़े उत्पादों को महत्वपूर्ण बताया।
आरती और पूजा की
राज्यपाल ने गोपाष्टमी पर गो—माता के संरक्षण का संकल्प लेने और गो-उत्पादों के लिए वातावरण निर्मित किए जाने पर जोर दिया। इससे पहले उन्होंने गौशाला में गोपाष्टमी पर गो-माता और बछड़े की पूजा, आरती और परिक्रमा की। बाद में उन्होंने वहीं पर वैदिक पादप औषधीय केन्द्र का भ्रमण भी किया और गोबर उत्पादन और जैविक कृषि के उत्पादों का भी अवलोकन किया। अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के डॉ. अतुल गुप्ता ने गौशाला और गोधन संरक्षण के संबंध में विस्तार से प्रकाश डाला।