जयपुर। जयपुर के गुप्त वृन्दावन में श्रीकृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट की ओर से संचालित हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र में शनिवार को गोपाष्टमी के पावन अवसर पर भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस अवसर पर 51 कुंडीय गौ यज्ञ का विशेष आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों भक्तों ने गौ माता की सेवा और पूजन में भाग लिया तथा अपने श्रद्धा भाव से आहुति दी। मीडिया प्रवक्ता सिद्ध स्वरूप दास ने बताया कि गोपाष्टमी महोत्सव का आयोजन प्रातः 7 बजे से सांय 6 बजे तक चला। जिसमें भक्तों ने गौ पूजन कर गौ माता का आशीर्वाद प्राप्त किया।
भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गौ माता के प्रति भक्तों ने अपनी श्रद्धा अर्पित की। जो ब्रज में ग्वालों के साथ गाय चराया करते थे। धार्मिक मान्यता के अनुसार गायों में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है और इसी भाव के साथ भक्तों ने इस आयोजन में भाग लिया। इसके अलावा इस अवसर पर मंदिर से जुड़े हुए भक्तों ने विशेष उत्साह से यज्ञ में भाग लिया और गौ माता के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की। श्रीकृष्ण बलराम गौ सेवा ट्रस्ट के महाप्रबंधक रघुपति दास ने कहा कि गोपाष्टमी का यह त्यौहार गौ माता की महिमा को बढ़ाने वाला है और समाज में गौ सेवा के महत्व को समझाता है।
हरे कृष्ण मूवमेंट जयपुर के उपाध्यक्ष अनंत शेष दास ने शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि गाय में अनेकों देवताओं का वास है और गौ माता का पूजन करना अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य है। जयपुर ग्रेटर की मेयर ने अपने संबोधन में कहा कि गौ सेवा हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व है और इसे निभाना हमारी जिम्मेदारी है। वहीं, जयपुर हैरिटेज की मेयर ने कहा कि गौ सेवा करना हमारी परंपरा रही है और यह हमारे जीवन मूल्यों का अभिन्न हिस्सा है। साथ ही गोपाष्टमी के इस विशेष अवसर पर हिंगोनिया गौशाला में गोवर्धन पर्वत की भव्य झांकी सजाई गई। जिससे भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की लीला का सजीव दर्शन प्राप्त हुआ।
इसके अलावा महोत्सव की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई, जिसमें भक्तों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से गौ माता के प्रति अपनी भक्ति प्रकट की। इस दौरान भक्तों ने गौ माता को हरा चारा और गुड़ खिलाकर सेवा का आनंद लिया और गौमाता का आशीर्वाद प्राप्त किया। यह आयोजन जयपुर के गुप्त वृंदावन, हिंगोनिया गौशाला में गौ माता की सेवा, उनके प्रति प्रेम, और सनातनी परंपराओं को पुनर्जीवित करने का एक प्रेरणादायक प्रयास रहा। श्रीकृष्ण बलराम सेवा ट्रस्ट का यह आयोजन भक्तों के दिलों में गौ माता के प्रति भक्ति और सेवा भाव को और गहरा कर गया।