जयपुर। आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा शनिवार से गुप्त नवरात्र शुरू होंगे। तंत्र विद्या से जुड़े देवी मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे। आमेर के शिला माता, मनसा माता, घाटगेट श्मशान के काली माता, दुर्गापुरा के दुर्गा माता मंदिर में घट स्थापना कर देवी की आराधना की जाएगी। श्री खोले के हनुमान मंदिर की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन माता वैष्णो देवी मंदिर में सुबह 11 बजे घट स्थापना कर दुर्गा सप्तमी के पाठ आरंभ किए जाएंगे। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि श्रद्धालु प्रतिदिन विशेष झांकियों के दर्शन कर सकेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. सुरेन्द्र गौड़ ने बताया कि गुप्त नवरात्रा साधक कालके, माता तारादेवी, माता त्रिपुरा सुंदरी, माता भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, मां बग्लामुखी, माता धूमावती, माता मातंगी, माता कमला देवी एवं माता त्रिपुरा भैरवी का पूजन करेंगे। प्रत्यक्ष नवरात्रा में सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति होती है, वही गुप्त में मानसिक इच्छाओं की पूर्ति होती है। गौड़ ने बताया कि गुप्त नवरात्र में गुप्त विधाओं, तंत्र साधनाओं का महत्व बताया गया है, इसी कारण इसे गुप्त नवरात्रा कहते हैं।