जयपुर। जयपुर एग्जीबिशन एण्ड कन्वेंशन सेन्टर (जेईसीसी) सीतापुरा में चल रहे इण्डिया स्टोनमार्ट-2024 में आयोजित ‘शिल्पग्राम प्रदर्शनी‘ में आए शिल्पकार यहां मिल रहे बायर्स और पूछताछ करने वालों की संख्या देख कर काफी खुश है। इस बार शिल्पग्राम में देश विदेश के विजीटर्स और पूछताछ करने वालों से उनमें आशा जगी है कि उनका कारोबार और बढ़ेगा और वे अपने साथ और भी शिल्पकारों को जोड़ सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इण्डिया स्टोनमार्ट की तरफ से इस बार भी शिल्पग्राम में 30 स्टॉल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाई है। साथ ही यहां कुछ स्टॉल्स में लाइव डेमो के माध्यम से शिल्पकार अपनी कला को बायर्स के सामाने प्रदर्शित भी कर रहे है।
इन शिल्पकारों को उम्मीद है कि इस चार दिवसीय आयोजन में बड़ी संख्या में बायर्स आकर हमारे उत्पादों में काफी रूचि दिखा रहे है जिसे देखते हुऐ न केवल हमें बड़ी मात्रा में आडर्स मिलने की उम्मीद है बल्कि स्टोनमार्ट की समाप्ति तक यहां हमारे द्वारा प्रदर्शित उत्पाद भी बिक जाने की संभावना हैं उन्होने कहा कि ज्यादा पूछताछ आने से अधिक बायर्स आएंगे और उनके शिल्प की पहुंच देश के साथ ही विदेशों तक संभव हो सकेगी। इस बारे में शिल्पग्राम में आए कुछ शिल्पकारों के ने कुछ इस प्रकार अपने विचारों को अभिव्यक्त कियां। गौरतलब है कि शिल्पग्राम में लगे स्टॉल्स इन शिल्पकारों को निःशुल्क उपलब्ध कराए गए है।
इस बारे में शिल्पकारों ने अपने विचार कुछ इस प्रकार व्यक्त किए:
देहरादून से आए शिल्पकार अजित कुमार प्रसाद ने बताया कि हमने यहां रीवर स्टोन ज्यों का त्यों प्रदर्शित किए है और इनके आकार के अनुसार कल्पना कर हम विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का निर्माण करते है। इनमें से चुनिंदा कलाकृतियों को यहां प्रदर्शित भी किया गया है। उन्होंने बताया कि सीडॉस के निमंत्रण पर आए है यहां हमें काफी अच्छा रेस्पोंस मिला। हमारे बिजनेस मे आशातीत इजाफा होने की उम्मीद है। हम नदी से मिलने वाले पत्थरों में किसी प्रकार का रंग नही प्रयोग करते केवल वार्निश से इनकी चमक को और बढ़ाते हैं।
जयपुर के शिल्पकार स्टोनएक्स आर्ट के सुनील जांगीड़ ने अपने शिल्प के बारे में बताया हमारा कॉन्सेप्ट है स्टोन विद नेचर यानी जमीन से जैसा भी रॉक मिलता है उसमें हम आर्ट वर्क करते हैं जैसे नदी का पत्थर, सी रॉक्स, कॉंगो राक्स, लावा रॉक्स मुख्य रूप से सजावटी प्लांटर्स (गमले) बनाते हैं इसके साथ ही हम फ्लैक्स आर्ट जिसमें हम पत्थरों के फ्लिक्स के छोटे-छोटे टुकडों को मोजेक आर्ट के माध्यम से विभिन्न कलाकृतियां तैयार करते है। उन्होंने सीडॉस का आभार जताते हुए कहा कि हमें इनसे काफी सपोर्ट और रेस्पॉन्स मिला है। इस चार दिवसीय आयोजन में हमें पूरे साल भर के ऑर्डर्स मिलने की पूरी आशा है।
मकराना के शिल्पकार शब्बीर का कहना था कि हमें यहां आकर काफी अच्छा लगा, बायर्स और विजीटर्स ने हमारे काम की तारीफ की वहीं विदेश के बायर्स की इन्क्वायरी और कुछ ऑडर्स भी हमें मिले हैं। हम आयोजकों के आभारी है कि उन्होंने हमें इतना बड़ा मंच प्रदान किया।
सिकन्दरा राजस्थान के हिमांशु स्टोन के पवन सैनी ने बताया कि हम अपने उत्पादों को लेकर इस शिल्पग्राम प्रदर्शनी में आए जहां हमें उम्मीद से ज्यादा रेस्पॉन्स मिला। हम मूल रूप से नक्काशीदार लाइट लैम्प और फाउन्टेन्स बनाते हैं, यहां आकर हमार क्लाइन्ट आधार देश के अन्य शहरों में भी बढ़ रहा है।

शिवदासपुरा जयपुर के ही एक मूर्तिकार पप्पूलाल शर्मा मूल रूप से मार्बल से देवी देवताओं की मूर्तिया बनाने के काम में पिछले 20 साल से जुड़े है। उन्होंने कहा कि हमारा धन्धा ठीक चल रहा था, हाल ही में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से मूर्ति करोबार में काफी इजाफा हुआ है। इण्डिया स्टोनमार्ट 2024 के शिल्पग्राम में पिछले तीन दिनों में हमें काफी अच्छा प्रतिसाद मिला रविवार को और भी अधिक विजिटर्स के आने की आशा है।
उदयपुर के अम्बेरी से आए सचिन दाधीच एमए फाइन आर्ट कर चुके हैं उनका कहना था कि सीडॉस और फिक्की के आमंत्रण पर यहां आया और मेरा काम स्कल्पचर निर्माण है जिसमें विभिन्न मीडियम्स में मैने स्कल्पचर यहां डिस्प्ले किए है तथा विजिटर्स का काफी अच्छा रेस्पॉन्स मिल रहा है बायर्स की इन्क्वायरी के साथ ही कुछ बुकिंग भी हुई है, निश्चित तौर पर यह आयोजन हमारे जैसे छोटे शिल्पकारों के लिए वरदान साबित होगा।