जयपुर। राजस्थान के युवा प्रतिभा को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। अलवर जिले की नारायणपुर तहसील के गढ़ी मामोड़ गांव के निवासी हर्ष सिंह शेखावत को दक्षिण कोरिया की प्रतिष्ठित अजौ विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में पढ़ाई के लिए 11 करोड़ 90 लाख दक्षिण कोरियन वॉन की छात्रवृत्ति प्राप्त हुई है।
राजस्थान से चयनित एकमात्र छात्र
हर्ष सिंह शेखावत राजस्थान से इस छात्रवृत्ति के लिए चयनित एकमात्र छात्र हैं। गौरतलब है कि भारत से केवल 16 छात्रों का इस प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति कार्यक्रम के लिए चयन हुआ है, जिसमें हर्ष का नाम शामिल होना राज्य के लिए गर्व की बात है।
साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि तक
हर्ष के पिता केसरपाल सिंह शेखावत एक किसान हैं, और माता सीमा कंवर एक गृहिणी हैं। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सीमित संसाधनों के बावजूद हर्ष ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है।
हर्ष सिंह शेखावत ने बताया कि उन्होंने 10वीं कक्षा में 96% और 12वीं (साइंस मैथ्स) में 90% अंक हासिल किए थे। शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखने वाले हर्ष ने आगे चलकर तकनीकी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का सपना देखा और उसे साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
परिवार और गुरुओं को दिया श्रेय
अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि का श्रेय हर्ष ने अपने माता-पिता, गुरुजनों के साथ-साथ बड़े पापा नेहपाल सिंह शेखावत, दादोसा मनोहर सिंह शेखावत, बजरंग सिंह शेखावत, प्रमोद सिंह शेखावत, भाई कुलदीप सिंह, और ध्रुव सिंह को दिया है। उन्होंने कहा कि “मेरे परिवार ने मुझे हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित किया, यही मेरे सफर की असली ताकत है।”
राज्य के युवाओं को प्रेरणा
हर्ष सिंह की यह उपलब्धि राजस्थान के ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो दिखाती है कि लगन, परिश्रम और मार्गदर्शन से कोई भी युवा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।