जयपुर। पर्व पुंज कार्तिक महीना 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रहेगा। वहीं कार्तिक स्नान एक दिन पूर्व 17 अक्टूबर से शुरू होगा। पत्रित्र कार्तिक माह में करवा चौथ, धनतेरस, कार्तिक अमावस्या, छठ पूजा से लेकर दिवाली तक के त्योहार मनाए जाएंगे। पूरे माह ब्रह्म मुहूर्त में दीपदान किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि कार्तिक माह भगवान विष्णु का प्रिय माह माना जाता है।
इस समय विष्णु जी योग निद्रा से जागते हैं। इसलिए कार्तिक माह में भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। देश के कई राज्यों में कार्तिक माह को देव पक्ष के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक माह के दौरान पवित्र नदी में स्नान करना, जरूरतमंद लोगों को दान देना और तुलसी पूजा करना शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं के आशीर्वाद से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है और वह जीवन में सुखी रहता है। कार्तिक माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आएंगे जिनमें पूजा करने से भक्त को भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कार्तिक माह के प्रमुख व्रत-त्योहार:
20 अक्टूबर: करवा चौथ
28 अक्टूबर: रमा एकादशी
29 अक्टूबर: धनतेरस और प्रदोष व्रत
30 अक्टूबर: नरक चतुर्दशी
31 अक्टूबर: दीपावली
02 नवंबर: गोवर्धन पूजा
03 नवंबर:- भैया दूज
07 नवंबर:- छठ पूजा
12 नवंबर:- देवउत्थान एकादशी
13 नवंबर: वैकुंड चतुर्दशी व्रत
15 नवंबर: देव दीपावली
कार्तिक मास के नियम:
कार्तिक माह में सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी के जल मिले पानी से स्नान करना चाहिए। कार्तिक माह में तुलसी सेवा का विशेष महत्व है। ऐसे में रोजाना तुलसी के नीचे दीपक जलाएं और उसकी परिक्रमा करें। कार्तिक माह में अन्न, ऊनी वस्त्र, तिल, दीपक और आंवला का दान करना बहुत लाभकारी होता है।
श्री प्रेमभाया सरकार के समक्ष शरद चांदनी उत्सव आज
श्री प्रेमभाया मंडल समिति की ओर से चांदपोल बाजार के जय लाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में श्री प्रेमभाया सरकार के शरद चांदनी उत्सव 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि श्री प्रेमभाया सरकार के धवल पोशाक धारण करा कर पुष्पों से श्रृंगार कर खीर का भोग लगाया जाएगा। रात्रि आठ बजे से रात्रि 11:30 तक भक्ति संगीत होगा।