जयपुर। नववर्ष की पूर्व संध्या पर मंगलवार को कालवाड़ रोड झोटवाड़ा के विनायक विहार में पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ आयोजन किया गया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी से आए मणिशंकर चौधरी ने प्रवचन में कहा कि संसार का केन्द्र यज्ञ है। जो भी श्रेष्ठ कार्य है उसे शास्त्र में यज्ञ का नाम दिया गया है। अपने अपने कर्म, चिंतन, शरीर से यदि श्रेष्ठ कार्य करते हैं तो मानना चाहिए कि हमने यज्ञ कर लिया। बादल का पानी बरसाना, वृक्षों का फल देना यज्ञीय कार्य है।
गायत्री कचोलिया और दिनेश आचार्य ने गुरुवंदना तथा प्रज्ञागीतों से मन के तार झंकृत कर दिए। दिनेश भारद्वाज ने तबले पर संगत की। देव पूजन के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गायत्री एवं महामृत्युंज महामंत्र से यज्ञ में आहुतियां प्रदान की।
नए साल में एक बुराई छोडऩे और एक अच्छाई ग्रहण करने की कामना के साथ पूर्णाहुति की। इससे पूर्व महादेव प्रसाद शर्मा, श्रवण कुमार शर्मा, कैलाश चंद शर्मा ने प्रारंभ में वेदमाता गायत्री, गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य, भगवती देवी का पूजन किया।
महिला मंडल रावण गेट झोटवाड़ा की सुशीला सैनी, मंजू खंडेलवाल, योगिता शर्मा, नीतू शर्मा, कामिनी शर्मा, मीरा शर्मा, अमिता शर्मा, विजयलक्ष्मी शर्मा, मधु सहित अनेक महिलाओं ने यज्ञ आयोजन में श्रमदान किया।