जयपुर। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में ‘एग्रीबिजनेस के अवसर और चुनौतियां-2047’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के निदेशक डॉ. एम.एल. जाखड़ ने राजस्थान की कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका और इसकी प्रमुख विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने यह भी बताया कि एग्रीबिजनेस भारतीय अर्थव्यवस्था में कितना महत्वपूर्ण योगदान देगा। उन्होंने कहा कि हमें एग्रीबिजनेस में नवीनतम नवाचारों के माध्यम से एक सतत भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर ‘हैलो किसान फोरम’ के मेंटर मुकेश गुप्ता ने कृषि को एक पारंपरिक पेशे से एग्रीबिजनेस में परिवर्तित करने की प्रक्रिया पर बात की।
कार्यक्रम की शुरुआत में जयपुरिया के निदेशक डॉ. प्रभात पंकज ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एग्रीबिजनेस के महत्व पर चर्चा की। इसके बाद ‘एग्रीबिजनेस प्रबंधन में अंतर्दृष्टि’ विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई। इस चर्चा में डॉ. सुदिप्ति अरोड़ा, रिसर्च साइंटिस्ट और असिस्टेंट डायरेक्टर, डॉ. बी. लाल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने एग्रीबिजनेस में अपशिष्ट से संबंधित मुद्दों को उजागर किया।
वीजीयू जयपुर के एग्रीबिजनेस प्रबंधन विभाग के प्रमुख, डॉ. मुहिलन मेहंद्रन ने मानव विकास और किसानों की आर्थिक दहलीज के स्तर पर चर्चा की। ग्लोबल फोरम फॉर सस्टेनेबल रूरल डवलपमेंट के डॉ. सत्यप्रकाश मेहरा ने एग्री-टूरिज्म की भूमिका पर बात की। समापन सत्र और सम्मेलन संयोजक डॉ. ओम कुमारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। सम्मेलन में कृषि व्यवसाय, सतत विकास, और डिजिटल परिवर्तन विषयों पर बीस शोध पत्र भी प्रस्तुत किए गए, जिन्हें चार सत्रों में विभाजित किया गया था।