February 4, 2025, 4:36 pm
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राम कथा से मिलती मर्यादाओं के पालन की प्रेरणा: आचार्य राजेश्वर

जयपुर। अंग्रेजी नववर्ष का पहला सप्ताह कथाओं के नाम रहेगा। साल के पहले दिन से आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर कथाओं का श्रीगणेश हुआ। इसी कड़ी में प्रभु श्रीराम के मर्यादित जीवन से और आदर्शों पर सब कुछ न्योछावर करने की प्रेरणा देने के लिए श्री सरस परिकर की ओर से अजमेर रोड श्री आचार्य पीठ श्री बरसाना में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का बुधवार को शुभारंभ हुआ।

श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सुबह श्री रामायण जी की संकीर्तन मण्डल की ओर से बैंडबाजे के साथ नीलकंठ कालोनी स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर से कथा स्थल बरसाना धाम तक शोभायात्रा निकाली गई। इसमें श्रद्धालु भक्तिभाव से पोथी लेकर चल रहे थे। मार्ग में पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया गया।

कथा स्थल पर शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में व्यास पीठ का पूजन कर भगवान राम की आरती उतारी गई। श्रीराम कथा में आचार्य डॉ राजेश्वर ने व्यास पीठ विराजमान होकर संगीतमय प्रवचन करते हुए राम कथा के महात्म्य का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा कि राम कथा आदर्शों पर सब कुछ न्योछावर करने की प्रेरणा देती है। मर्यादाओं के पालन किए बिना राम तो दूर राम भक्त भी नहीं बन सकता। जीवन में मर्यादा ही सब कुछ है।

कथा का आयोजन श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश छोटे दादा गुरुदेव श्री रसिक माधुरी शरण जी महाराज के 126 वें जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में किया जा रहा है। प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि इस साल राम कथा का रजत जयंती महोत्सव है। एक ही तारीख, एक ही स्थान और एक ही वक्ता का त्रिवेणी संगम हुआ है। कथा नौ जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर डेढ़ से शाम पांच तक होगी।

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