November 22, 2024, 5:52 pm
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इलेक्ट्रोपैथी जैसी पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाना गर्व की बातः उपराष्ट्रपति धनखड़

जयपुर। विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के उपलक्ष्य में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के तत्वावधान में शनिवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 13वीं राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। रीनल डिसऑर्डर्स एंड इलेक्ट्रोपैथी अप्रोच विषय पर हुई इस सेमिनार के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति श्रद्धेय जगदीप धनखड़ थे, वहीं राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अति विशिष्ट अतिथि और उप मुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री प्रेमचंद बैरवा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा को समर्पित इस राष्ट्रीय सेमिनार में माननीय उपराष्ट्रपति श्रद्धेय जगदीप धनखड़ ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत असीम संभावनाओं का देश है और एम्स जैसे चिकित्सा संस्थानों ने रिसर्च कर इलेक्ट्रोपैथी जैसी पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाया है, जो एक गर्व की बात है। सुखद है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के अल्पकाल में ही अनेक अभूतपूर्व निर्णय लेकर प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर किया है।

धनखड़ ने देश में पहली बार राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी एक्ट लागू किए जाने पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को समस्त रोगों के निदान के लिए आवश्यक बताया। जगदीप धनखड़ ने भारत को सम्पूर्ण संप्रभु, सांस्कृतिक देश बताने के साथ ही देश में आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित कर प्राकृतिक संसाधनों के अपव्यय को रोककर स्थानीय उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया।

सेमिनार के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इलेक्ट्रोपैथी के जनक काउंट सीजर मेटी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी औषधियां विभिन्न रोगों में लाभकारी सिद्ध हुई हैं। हम गौरवान्वित हैं कि वर्ष 2018 में देश में पहली बार राजस्थान में इस पर एक्ट पारित किया गया। भारत वैकल्पिक और पारंपरिक चिकित्सा का अग्रणी देश रहा है और आजादी के अमृतलाल में हम इसे आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी के विकास के लिए राजस्थान सरकार यथासंभव प्रयास करेगी तथा इस क्षेत्र में होने वाले रिसर्च में भरपूर सहयोग के लिए तत्पर रहेगी। उपमुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।

इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने स्वागत भाषण के दौरान राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड को अविलंब लागू करने की मांग उठाई तथा राज्य विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इलेक्ट्रोपैथी के लिए अलग से राशि आवंटन की मांग की। उन्होंने माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जामनगर स्थित संस्थान में किए जा रहे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के शोध कार्य में इलेक्ट्रोपैथी रिसर्च को बढ़ावा दिलाने का अनुरोध किया।

सेमिनार के तकनीकी सत्रों में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने किडनी स्टोन विषय पर जानकारी साझा करते हुए इलेक्ट्रोपैथी के माध्यम से प्रभावी चिकित्सा पर प्रकाश डाला। रिनल सिस्टम, ब्लैडर एनाटॉमी, युरेथ्रा आदि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि रिनल स्टोन विश्व की सबसे बढ़ती हुई बीमारियों में प्रमुख है।

हमारे असंतुलित खान-पान से इस पर प्रभाव पड़ रहा है। अपनी प्रजेंटेशन में उन्होंने किडनी स्टोन के प्रकार के अनुसार इलेक्ट्रोपैथी दवाओं के उपयोग का मूल्यांकन दर्शाया। सेमिनार के अंतिम तकनीकी सत्र में उड़ीसा से आए डॉ. कमलाकांत नायक ने रीनल फेलियर विषय पर किए अपने शोध के बारे में जानकारी साझा की। सेमिनार के अंत में श्रेष्ठ कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान किया गया।

इस अवसर पर जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, चूरू सांसद राहुल कंसवा, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नरपत सिंह राजवी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, शहर के उप महापौर पुनीत कर्णावत एवं पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों के साथ इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा के देशभर के आए विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

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