जयपुर। गुलाबी नगर में बम ब्लास्ट के दौरान जिंदा बम मिलने के मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी को सुप्रीम कोर्ट से जयपुर छोड़ने की अनुमति मिल गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने आरोपी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई कर जमानत शर्तों में बदलाव किया।
पहले जमानत की शर्त में था कि आरोपी को रोजाना सुबह 10 बजे से 12 बजे तक एटीएस, जयपुर के ऑफिस में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। लेकिन अब आरोपी के प्रार्थना पर सुप्रीम कोर्ट ने इसे बदलते हुए छूट दे दी है। अब आरोपी को प्रत्येक सप्ताह आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) में निकटतम पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने आरोपी के आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी उत्तर प्रदेश में स्थानांतरित होने का इरादा रखता है। इससे वह राजस्थान के अधिकारियों की पहुंच से बाहर हो सकता है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आरोपी पर वैकल्पिक कड़ी शर्तें लगाने का अनुरोध किया, जिससे आरोपी पर निगरानी और नियमित संपर्क सुनिश्चित किया जा सके।
सरकार के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिए कि उसे आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) में अपने स्थायी पते का सटीक विवरण एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड जयपुर को देना होगा। इसके साथ ही वह अपना मोबाइल नंबर भी देगा, जिसे वह बिना सूचना दिए नहीं बदल सकता है।
जमानत के खिलाफ दाखिल की थी एसएलपी
जयपुर बम ब्लास्ट केस में 8 मामले दर्ज किए थे। बम ब्लास्ट की विशेष अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को 4 आरोपियों सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और एक अन्य नाबालिग (जिसे बाद में हाईकोर्ट ने घटना के समय नाबालिग माना) को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, एक आरोपी शाहबाज अहमद को बरी कर दिया था।
इसके बाद पुलिस ने 9वां केस दायर कर सभी आरोपियों को फिर से गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने दलील दी थी कि शाहबाज जेल से रिहा न हो जाए, इसके लिए पुलिस ने जानबूझकर करीब 11 साल पहले दर्ज जिंदा बम मामले में सभी को फिर से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, बाद में शाहबाज को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई।
आरोपियों की अपील पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। लेकिन, जिंदा बम मामले के केस में सभी आरोपी जेल में बंद थे। बाद में मोहम्मद सरवर आजमी को हाईकोर्ट से अक्टूबर 2023 को जमानत मिल गई थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सीरियल ब्लास्ट से दहल उठा था जयपुर
करीब 16 साल पहले 13 मई 2008 को जयपुर में एक के बाद एक सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 लोग घायल हुए थे। इस संबंध में जयपुर के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 एफआईआर दर्ज की गई थीं। ब्लास्ट केस के कुल 11 आरोपियों में से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार किया था।