जयपुर। गुलाबी नगरी, जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में 1 से 5 फरवरी को आयोजित होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई हैं। ‘साहित्य का कुम्भ’ कहलाए जाने वाला यह फेस्टिवल, देश-दुनिया के तमाम लेखकों, वक्ताओं, चिंतकों और मानववादियों की मेजबानी के लिए तैयार है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का प्रोग्राम हर साल की तरह इस साल भी वैविध्यपूर्ण है, जिसमें 10 भारतीय भाषाएं और 7 अंतर्राष्ट्रीय भाषाएं सम्मिलित होंगी।
अपने 2024 संस्करण के लिए, फेस्टिवल 250 से अधिक वक्ताओं की मेजबानी करेगा, जिसमें बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्ज़र, साहित्य अकादमी, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, बैली गिफर्ड, डीएससी प्राइज, जेसीबी पुरस्कार विजेता शामिल हैं|। घोषित प्रोग्राम में फेस्टिवल में शामिल किये गए विविध विषयों पर भी प्रकाश डाला गया। कथा व कथेतर, अपराध साहित्य, साहित्यिक आलोचना, इतिहास, राजनीति व करंट अफेयर्स, काव्य, कला व संस्कृति, अनुवाद, ग्राफिक नॉवेल, जेंडर, साइंस व मेडिसिन, फ़ूड व मेमोरी, जीवनी व संस्मरण, मिथक, आध्यात्मिकता और धर्म, मानसिक स्वास्थ्य, फैशन और लाइफस्टाइल, कानून व न्याय, जिओपॉलिटिक्स, खेल, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण व जलवायु, पेट पेरेंट्स, पेट्स व एनिमल्स, शहर, साहित्यिक हस्तियाँ, कला व कृषि, बॉलीवुड व सिनेमा, अर्थशास्त्र ।
लेखिका, प्रकाशक और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की को-डायरेक्टर, नमिता गोखले ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल दुनिया को जयपुर लेकर आता है और इसी बहाने जयपुर को भी दुनिया तक ले जाता है। हमारा उद्देश्य भारतीय भाषाओं और लेखकों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है, जो भारतीय साहित्य के वैविध्य और समृद्धि के प्रतिबिंब हैं। संस्कृत से लेकर अवधी, उड़िया, असमिया, बांग्ला, तमिल, मलयालम, कन्नड़, हिंदी, राजस्थानी, उर्दू और पंजाबी तक की विविध भाषाएं फेस्टिवल में शामिल होती आई हैं। हमारा विशेष प्रयास वाचिक परंपरा के प्रति भी रहता है, जहां स्थानीय और काबिलाई भाषा और पहचान को व्यक्त करने का अवसर मिलता है।” “हम सरहदों और सीमाओं के पार के साहित्य को भी लेकर आते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का माहौल सही मायने में वसुधैव कुटुंबकम् को चरितार्थ करता है।” गोखले ने कहा।
लेखक, इतिहासकार और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर, विलियम डेलरिम्पल ने कहा, “हर साल हम जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का स्तर और बढ़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन 2024 अब तक का श्रेष्ठ है। हमें गर्व है कि हम दुनियाभर के प्रसिद्ध लेखकों को एक मंच पर ला रहे हैं: महान उपन्यासकार व कवि, पर्यावरणविद और खोजी पत्रकार, इतिहासकार और जीवनीकार, वैज्ञानिक और अर्थशास्त्री, कलाकार और कला इतिहासकार, यात्रा लेखक और हास्य लेखक, साहित्य समीक्षा और दार्शनिक: विश्व के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क के साथ यह एक ऐसी यूनिवर्सिटी का निर्माण करता है, जिसके दरवाजे 5 दिनों तक सभी के लिए खुले हैं। ये फेस्टिवल शानदार है, जिसे आप किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहेंगे।”
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “2024 में, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 17वें संस्करण में हमारा फोकस साहित्यिक आलोचना, साइंस व मेडिसिन, पर्यावरण व जलवायु, कानून व न्याय, मानसिक स्वास्थ्य, जियोपॉलिटिक्स आदि पर रहेगा। फेस्टिवल में बहुत से पुरस्कृत वक्ता शामिल होंगे जैसे डेमो गलगुट, मैरी बियर्ड, हर्नन डियाज, बी. जयमोहन, सिमोन शमा, मृदुला गर्ग और मार्कस दु सौतोय।”