जयपुर। पारंपरिक खाद्य पदार्थों की अपनी एक विशेषता है। यदि इन्हें भोजन में शामिल किया जाए तो कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियां दूर रहेंगी, जरूरत है तो जागरुकता फैलाने और रोचक तरीके से यह खाद्य पदार्थ आमजन तक पहुंचाने की। सभी की थाली में पौष्टिक और गुणवत्ता युक्त यह भोजन शामिल हो, इसके लिए जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर लाइफ साइंसेज (आईएसएलएस) और राजस्थान विश्वविद्यालय के ईसीएच इन्क्यूबेशन सेंटर की ओर से 31 जनवरी से 5 फरवरी तक जयपुर न्यूट्रीफेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। यह छह दिवसीय फूड फेस्टिवल एंड नेचुरल प्रोडक्ट एक्सपो जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक जारी रहेगा।
100 से अधिक स्टॉल्स, न्यूट्री टॉक में एक्सपर्ट रखेंगे विचार
न्यूट्रीफेस्ट में 100 से अधिक स्टॉल्स लगायी जा रही है। इनमें ऑर्गेनिक फूड, मिलेट्स, स्टार्टअप, हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स, फूड और फार्मिंग इनोवेटर्स की स्टॉल्स शामिल है। हर शाम न्यूट्री टॉक सेशन में पर्यावरण संरक्षण, कृषि, स्टार्टअप, नवाचार, उद्यमिता, न्यूट्रिशन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ विचार साझा करेंगे।
कॉम्पिटिशन और वर्कशॉप भी
‘हेल्दी फूड फॉर वाइब्रेंट लाइफ’ थीम पर मार्चिंग बैंड, नुक्कड़ नाटक, ग्रुप डांस, पोस्टर मेकिंग समेत कई कॉम्पिटिशन का आयोजन किया जाएगा। किचन गार्डन, जयपुर की ओर से किचन वेस्ट को लेकर वर्कशॉप होगी। राजस्थान विश्वविद्यालय के ईसीएच इनक्यूबेशन सेंटर की समन्वयक प्रो. सुमिता कच्छावा ने बताया कि फेस्टिवल के माध्यम से फूड एंड न्यूट्रिशन के क्षेत्र में उच्च स्तर के नवाचारों और उद्यमिता को बढ़ावा देने का लक्ष्य है, ईसीएच द्वारा बेस्ट स्टार्टअप को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। फेस्टिवल के नॉलेज पार्टनर टाई (दी इंडस एंटरप्रेन्योर्स) है। के-ग्रुप प्रायोजक की भूमिका में है।
ये अतिथि रहेंगे मौजूद
31 जनवरी की शाम जयपुर न्यूट्रीफेस्ट के उद्घाटन समारोह में उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद्र बैरवा, माननीय शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा, माननीय जयपुर नगर निगम ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर, कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.अल्पना कटेजा करेंगी। बतौर विशेष अतिथि सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण सिंह भगड़ी, भारतीय जैविक किसान संघ के अध्यक्ष डॉ. अतुल गुप्ता, कार्यक्रम के आयोजक प्रो. सुमिता कछावा, प्रो. अशोक कुमार के साथ विभाग के उच्चाधिकारी मौजूद रहेंगे।