December 23, 2024, 2:39 am
spot_imgspot_img

जल जीवन मिशन घोटाला मामला: सत्रह लाख रुपए में बनाए गए थे कम्पनी के फर्जी सर्टिफिकेट

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) में करीब नौ सौ करोड़ के घोटाले को लेकर पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत बाईस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले की जांच के दौरान सामने आया कि फर्म मैमर्स श्री गणपति ट्यूबवेल के प्रोपराइटर महेश मित्तल और मैमर्स श्री श्याम ट्यूबवेल के प्रोपराइटर पदमचंद जैन के लिए सत्रह लाख रुपए में इरकॉन इंटरनेशनल कम्पनी के नाम से फर्जी सर्टिफिकेट बनाए गए थे। मुकेश पाठक ने ही पीएचईडी के सभी ऑफिस से भी इन फर्जी प्रमाण पत्रों के संबंध में सत्यापन के ईमेल का जवाब भी दिया। मामले की पहली लीड एक प्राइवेट ऑफिस सहायक मुकेश पाठक से मिली थी।

एसीबी ने बाईस लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर में बताया कि दो महीने पहले इस केस की जांच करना शुरू किया। इसमें एसीबी का सबसे बड़ा टास्क था कि जिस आधार पर दोनों फर्मों (मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कम्पनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी) ने टेंडर लिए, वह सही थे या नहीं।

एसीबी को इनपुट मिला की महेश मित्तल ने अहमदाबाद निवासी मुकेश पाठक से फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसके बाद एसीबी मुकेश पाठक तक पहुंची। एसीबी में हुई पूछताछ के दौरान मुकेश पाठक ने कई चौंकाने वाली जानकारी दी। मुकेश ने महेश मित्तल के कहने पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का काम किया। इसके लिए महेश से सत्रह लाख रुपए लिए थे। इसके एवज में फर्म श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी व फर्म श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी के नाम इरकॉन इंटरनेशनल कम्पनी के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कर महेश मित्तल को दिए थे।

एसीबी ने इन सभी जानकारियों की पुष्टि के लिए मुकेश पाठक के जब्त मोबाइल फोन की एफएसएल जांच कराई। मुकेश पाठक के इण्डियन ओवरसीज बैंक के खाते में महेश मित्तल के ट्रांसफर किए गए पैसों की भी जानकारी मिली। सबूतों की पुष्टि होने पर एसीबी ने जांच को आगे बढ़ाया। इसके आधार पर एसीबी ने बाईस लोगों के खिलाफ एफआईआर की स्वीकृति मांगी थी।

जांच में सामने आया कि महेश मित्तल और मुकेश पाठक के बीच 3 जून 2023 से 25 जून 2023 के बीच मोबाइल पर कई बार बातें हुईं। महेश मित्तल और मुकेश पाठक के बीच इरकॉन के फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्रों के लिए बातचीत होती थी। फोन पर महेश मित्तल मुकेश पाठक को दिल्ली इरकॉन के ऑफिस में जाने और अधिकारियों से सेटिंग कर रिश्वत राशि देकर फर्जी प्रमाण पत्रों के मामले को दबाने के लिए कहता था। 9 जून 2023 को महेश मित्तल ने अपने मोबाइल फोन से किसी कर्मचारी की बात मुकेश पाठक से करवाई थी।

कर्मचारी बताता है कि 7 जून को इरकॉन से पीएचईडी के पास फर्जी प्रमाण पत्रों के संबंध में पत्र और मेल आए हैं। एसीबी की जांच में इन बातचीत से स्पष्ट हो गया कि महेश मित्तल के कहने पर मुकेश पाठक दिल्ली पहुंचता था। पाठक मित्तल को कहता था कि मैं इरकॉन ऑफिस के अधिकारियों से फर्जी प्रमाण पत्रों के मैटर को दबाने के लिए सम्पर्क कर रहा हूं, लेकिन अभी तक काम नहीं बन पाया है। इसके अलावा दोनों के बीच विजय शंकर नाम के व्यक्ति के बारे में भी बातचीत हुई थी। विजय शंकर के नाम से फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।

एसीबी की जांच में सामने आया कि पदमचंद के खिलाफ एक शिकायत 16 फरवरी 2023 को दर्ज है। इसमें शिकायत करने वाले ने एसीएस पीएचईडी राजस्थान को मेल कर बताया था कि मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी द्वारा इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पीएचईडी विभाग राजस्थान की टेंडरों में भाग लिया गया है। इसके बाद भी विभाग की ओर से इस पर एक्शन नहीं लिया गया।

एसीबी जांच में ये भी सामने आया कि वकील मनीष कलवानिया ने 16 मार्च और 20 मार्च को लीगल नोटिस मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कम्पनी द्वारा इरकॉन के फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर पीएचईडी विभाग के टेंडर में भाग लेना व टेंडर लेने के सम्बंध में कार्रवाई के लिए प्रमुख शासन सचिव पीएचईडी जयपुर से लेकर तमाम अधिकारियों को दिया गया था, लेकिन किसी ने कोई एक्शन नहीं लिया।

पुलिस महानिदेशक एसीबी रवि प्रकाश ने बताया कि उनकी टीम ने काफी समय तक इस पूरे केस पर काम किया। उनके पास जो जानकारी है। वह जांच करने के बाद सामने आई है। जांच में जो सामने आया वह एफआईआर में दी गई है। सभी को पूछताछ के लिए समय पर बुलाया जाएगा।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles