जयपुर। जवाहर कला केन्द्र में 27वें लोकरंग को लेकर तैयारियां जारी है। 18 से 28 अक्टूबर तक लोक संस्कृति के रंग में रंगने वाले इस 11 दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह और राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला आयोजित होगा। केन्द्र ने इस बार महोत्सव को नया स्वरूप देने के कई प्रयास किए हैं। 24 राज्यों के लगभग 4 हजार कलाकार इस महोत्सव का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
मेले में अवॉर्डी दस्तकारों के उत्पादों की प्रदर्शनी
शिल्पग्राम में प्रात: 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक राष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीण गैर कृषि विकास अभिकरण (रूडा) के सहयोग से मेले में 100 से अधिक हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की स्टॉल्स लगेंगी। इनमें अवॉर्डी दस्तकारों के उत्पाद शोकेस होंगे। इसी के साथ विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध व्यंजनों की स्टॉल्स भी यहां लगेंगी। विजिटर्स हस्तशिल्प उत्पाद खरीदने के साथ लजीज व्यंजनों का लुत्फ भी उठा सकेंगे। इतना ही शहनाई-नगाड़ा, बहुरूपिया, नट, कठपुतली कला की प्रस्तुतियों से मेला दिनभर आबाद रहेगा।
मनोरंजन का त्रिवेणी संगम
राष्ट्रीय लोक नृत्य समारोह के तहत अब त्रिस्तरीय मनोरंजन कला प्रेमियों को मिलेगा। राजस्थान की लोक कलाओं के साथ ही पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, त्रिपुरा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कलाकार अपनी लोक कलाओं की प्रस्तुति देंगे। शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर सायं 5 से 6:30 बजे तक लोक कलाओं की प्रस्तुति होंगी। इसके बाद सायं 7 बजे से मध्यवर्ती में लोक नृत्य, गायन और वादन की महफिल सजेगी। रात्रि 8:30 से रात्रि 10 बजे तक रात्री लोक संगीत सभा का आयोजन शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर होगा। हस्तशिल्प मेले में आगंतुक सौम्य लय के मधुर गीतों का आनंद ले सकेंगे।
दिखेंगे इन नयी विधाओं के रंग
इस बार लोकरंग में शामिल होने वाली नयी विधा में अरुणाचल की रिखमपदा, त्रिपुरा की सांगरेन और धमेल, छत्तीसगढ़ की बायर और कामर, भरतपुर की गोवर्धन लीला, असम का डोमाही किकान नृत्य शामिल है। इसी के साथ मिजोरम क चेरो, एमपी का गुदुम बाजा, गुजरात का तलवार रास और केरबा नो वेश ऐसी विधाएं हैं जिनकी प्रस्तुति लंबे अरसे के बाद केन्द्र में होगी।
जैसा मैंने देखा लोकरंग
लोकरंग से लोगों को जोड़ने और सुनहरी यादें संजोने के रूप में केन्द्र की ओर से जैसा मैंने देखा लोकरंग कैंपेन आयोजित किया जाएगा। लोकरंग से जुड़ी तस्वीर, स्केच केन्द्र की मेल आईडी पर भेजना होगा। चयनित उम्मीदवारों की तस्वीरों और स्कैच को पुरस्कृत किया जाएगा।
सभी पर चढ़ेगा लोकरंग
आमजन को लोक संस्कृति के रंग में रंगने के लिए केन्द्र की ओर से आगंतुकों से अपील की जाएगी की वे अपनी क्षेत्र की वेशभूषा में तैयार होकर महोत्सव में हिस्सा ले। पहले बच्चों से शुरुआत होगी अंतिम दिन सभी से अपने क्षेत्र की वेशभूषा में आने को कहा जाएगा। इसी के साथ लोक कलाओं से जुड़े प्रश्न भी लोगों से पूछ जाएंगे विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा।