जयपुर। जवाहर कला केंद्र की सहभागिता में आयोजित छह दिवसीय नटराज महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को मशहूर नाट्य निर्देशक इश्तियाक खान द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक ‘द शैडो ऑफ ओथेलो’ का मंचन हुआ। एयू बैंक, रज़ा फाउंडेशन और फोर्थ वॉल सोसाइटी के संयोजन से होने वाले इस महोत्सव में विभिन्न नाटकों का मंचन होगा।
‘दिखाया नाटक मंचन का संघर्ष’
‘जॉली एलएलबी’, ‘तमाशा’, ‘लूडो’ और ‘जनहित में जारी’ आदि मूवीज में नज़र आ चुके अभिनेता और निर्देशक इश्तियाक ने रंगायन में भी अपने अभिनय का जादू दिखाया। नाटक उत्तर भारत के छोटे से गांव में रोजगार की तलाश में भटक रहे युवाओं की कहानी है। समूह में कुछ लोग कभी—कभी छोटा मोटा काम कर भी लेते हैं। ये सभी फिल्म ओंकारा से बड़ा प्रेरित रहते हैं। दोबारा ऐसी फिल्म बनाने का ख़्याल उनके मन में उपजता है। फिल्म में आने वाली कठिनाइयों को भांपकर ग्रुप का मेंबर भोला नाटक बनाने की राय देता है जिस पर सभी एकमत होते हैं।
वह बताता है कि नाटक शेक्सपियर की ओथेलो पर आधारित है। वे दिल्ली के निर्देशक ज्ञानेंद्र राज अंकुर को मदद के लिए राजी करते हैं। अंकुर, पेशेवरों के साथ काम करने के आदी हैं, उन्हें उन ग्रामीणों से चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो “ओथेलो” के बजाय “ओमकारा” का प्रदर्शन करने के लिए दृढ़ हैं। जैसे-जैसे उनके अलग-अलग दृष्टिकोणों पर संघर्ष होता है, “ओथेलो” का नाटक उनके जीवन में सामने आता है, जो ईर्ष्या, जलन और राजनीति को दर्शाता है। यह नाटक इस बात की पड़ताल करता है कि क्या नाटक सफल होता है और कैसे अंकुर त्रासदी और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाए रखते हुए ग्रामीणों को अभिनय, नाटक और जीवन के बारे में सिखाते हैं।
इश्तियाक खान ने भोला, सदानंद पाटिल ने ज्ञानेन्द्र राज अंकुर, विश्वनाथ चटर्जी ने चंदन, वैभव सिंह ने भैयाजी, अभिनय शर्मा ने रईस, राहुल तोमर ने मंगलू का किरदार निभाया। अन्य कलाकारों में आलोक गाडेकर, अभिकल्प गाड़ेकर, अनिल जाटव, महेंद्र श्रीवास, अनूप इंगले, शीबा अज़हर सम्राट, साहिबा विज वैद्य, कामरान खान शामिल हैं। आदित्य निर्मलकर ने प्रकाश व संतोष डांगी ने संगीत संयोजन संभाला। गौरतलब है कि नटराज महोत्सव के तीसरे दिन गुरुवार शाम सात बजे रंगायन में देशराज गुर्जर द्वारा निर्देशित नाटक “गोरधन के जुटे” का मंचन होगा।