जयपुर। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, प्रयागराज, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं जवाहर कला केंद्र जयपुर के सहयोग से दो दिवसीय नृत्यम् महोत्सव का मंगलवार को शुभारंभ हुआ। पहले दिन मोहिनीअट्टम और कथक की प्रस्तुति से मंच सजा। जवाहर कला केंद्र शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियों से झंकृत हो उठा। इस कार्यक्रम में संगीत, ताल, शास्त्रीय नृत्य का संगम, और मोहनीअट्टम व कथक नृत्य की गहराई को दिखाने वाली प्रस्तुतियों ने दर्शकों को आकर्षित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शकों सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।
लखनऊ के पंडित अनुज मिश्रा व उनके साथियों की कथक प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कलाकारों ने शिव के तीनों रूपों, शिव ताण्डव और तीन ताल में परंपरागत कथक पेश किया। इसी के साथ उन्होंने श्री राम पर आधारित भाव प्रस्तुति को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत कर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके बाद 5 सदस्यीय दल के साथ दिल्ली से पहुंची मोहिनीअट्टम की विख्यात नृत्यांगना जयाप्रभा मेनन ने भव्य मंच पर भारतीय शास्त्रीय नृत्य मोहिनीअट्टम के विभिन्न रूपों की शानदार प्रस्तुति से वातावरण को कृष्णमय कर दिया।
केरल की प्राचीन कला शैली मोहिनी अट्टम की सशक्त हस्ताक्षर जया प्रभा मेनन और उनके साथी कलाकारों ने अपनी सम्मोहिनी नृत्य भंगिमाओं से दर्शकों को अभिभूत कर दिया। प्रस्तुति की शुरुआत मोहनीअट्टम शीर्षक पर आधारित “नृत्या” नृत्य से होती है। उसके पश्चात ‘छलिये कुंजन’ प्रसंग साकार हुआ जिसमें राधा कृष्ण से प्रार्थना करती है कि चलो साथ में निकुंज चले और सभी गोपियों के साथ नृत्य करें। गौरतलब है कि नृत्यम् के दूसरे दिन बुधवार को रंगायन में शाम छह बजे पद्मश्री अलंकृत माधवी मुद्गल ओडिसी तथा गौरी दिवाकर कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी।