जयपुर। थ्री एम डॉट बैंड थिएटर फैमिली सोसाइटी की ओर से आयोजित 12वां जयपुर रंग महोत्सव (जयरंगम—2023) का शनिवार को समापन हुआ। कला एवं संस्कृति विभाग, राज और जवाहर कला केन्द्र के सहयोग से आयोजित जयरंगम ने सात दिन तक कला प्रेमियों को रंगमंच, कला एवं संस्कृति के सतरंगी रंगों से सराबोर किया। अंतिम दिन प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक मकरंद देशपांडे के नाटक ‘सर सर सरला’ समेत दो नाटकों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया, वहीं शाहरुख चावड़ा निर्देशित फिल्म ‘कायो कायो कलर’ की स्क्रीनिंग हुई। हबीब तनवीर को समर्पित महोत्सव में उनकी पुत्री नगीन तनवीर भी शामिल हुई।
जयरंगम की प्रोग्रामर मन गेरा ने कहा कि जयरंगम आगामी सत्रों में यों ही नए नाटकों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कला प्रेमियों को रूबरू करवाता रहेगा।
गर्भपात का दंश झेलने वाली महिलाओं की पीड़ा झलकी
कृष्णायन में नयन साधक और गौरव दास निर्देशित नाटक ‘लेटर्स टू अनबॉर्न चिल्ड्रन ऑफ फातिमा जहान’ के मंचन के साथ जयरंगम की शुरुआत हुई। नाटक अपने अजन्मे बच्चों से मां के संवादों की भावनाओं को मंच पर साकार करता है। यह कहानी है फातिमा की जो अकरम से प्रेम करती है। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ती है। भोलेपन का फायदा उठाकर अकरम मुंबई में फातिमा का सौदा कर देता है। यहां फातिमा का गर्भपात करवा दिया जाता है। बच्चे को खोने पर उपजी पीड़ा को फातिमा खुदा से बयां करती है, यही पीड़ा उसके पत्र है।
इसके बाद जिंदगी करवट लेती है, फातिमा अंडरवर्ल्ड से ताल्लुक रखने वाले फिरोज के संपर्क में आती है। पुलिस जब फिरोज पर शिकंजा कसती है तो फातिमा तक भी कानून का हाथ पहुंचता है और बचने की जद्दोजहद में वह फिर अपने बच्चे को खो देती है। फातिमा आगे बढ़ती है और हरिमाधव के साथ नयी जिंदगी शुरू करती है, समाज को यह स्वीकार नहीं होता और हरिमाधव की हत्या कर दी जाती है। यह तनाव फिर वहीं भयावह मोड़ फातिमा के जीवन में लेकर आता है और वह अपने तीसरे बच्चे से भी हाथ धो बैठती है।
गर्भपात का दंश झेलने वाली महिलाओं के साक्षात्कार से प्राप्त अनुभवों को नाटक का आकार दिया गया है, यहां फातिमा उन सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करती है जिन्होंने समान दर्द, चिंता और अकेलापन महसूस किया था। नयन साधक, समर मृधा, बिप्लब, प्रियब्रत चौधरी, रंजीता रॉय, राहुल सरदार, त्रिदीप साहा, गौरव दास, अदरीश कुमार रॉय और बंदन मिश्रा ने विभिन्न किरदार निभाए।
राजस्थान में पहली बार कायो कायो कलर की स्क्रीनिंग
राजस्थान में पहली बार ‘कायो कायो कलर’ की स्क्रीनिंग की गई है। यह फिल्म पारिवारिक नोकझोंक और रोजमर्रा के संघर्षों पर आधारित फिल्म है। अहमदाबाद के पास स्थित कालूपुर में रहने वाले मुस्लिम परिवार की यह कहानी है। रज्जाक जिसकी नौकरी चली गयी है वह अब ऑटो खरीदना चाहता है। 15 हजार जुटाने में भी उसे काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है। फिल्म ने धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव रॉटरडैम 2023, मेलबर्न अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2023, जियो मुंबई फिल्म फेस्टिवल (मामी फेस्टिवल) 2023 में जगह बनायी है, इसे 71वें मेलबर्न इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित किया गया।