जयपुर। गायन, वादन और नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों से सजे जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित दो दिवसीय मधुरम कार्यक्रम का शुक्रवार को समापन हुआ। महोत्सव के दूसरे दिन डॉ. शिव दर्शन दूबे ने ध्रुवपद गायकी की सुरीली प्रस्तुति दी। वहीं त्रिनेत्र बैंड की प्रस्तुति में अनुपम शर्मा, ईशिता शर्मा और साहिल शर्मा ने वादन और गायन की संयुक्त प्रस्तुति से समां बांधा।
उस्ताद वासिफ़उद्दीन डागर के शिष्य डॉ. शिव दर्शन ने राग पूर्वी में धमार ‘लोचन लाल-लाल’ तथा संगीत सम्राट तानसेन रचित एवं सूलताल में निबद्ध मध्य लय की रचना “कर कपाल लोचन” प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी। डॉ. शिव दर्शन ने अपनी प्रस्तुति में मधुर आलापचारी, गमक, लयकारी आदि का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पखावज पर ऐश्वर्य आर्य और तानपुरे पर दीपांशा शर्मा व गार्गी सक्सेना ने संगत की।
त्रिनेत्र बैंड ने राम नाम के गुणगान से प्रस्तुति की शुरुआत की। प्रारंभ में अनुपम शर्मा के निर्देशन में ‘राम का नाम जप ले बंदे’ गीत की प्रस्तुति हुई। ईशिता शर्मा व साहिल शर्मा ने एक ताल में ‘जय जय जग जननी देवी’ गाकर श्रोताओं की तालियां बटोरी। साथ ही रूपक ताल में ‘राम का गुणगान’, कहरवा ताल में ‘चलो मन वृंदावन’, ‘बाजे रे मुरलिया’ जैसे भजनों से समां बांधा।
अनुपम शर्मा ने एक ताल, रूपक व कहरवा तालों के जरिए सुरों में लय, ताल का समावेश कर प्रस्तुति को आकर्षक बनाया। कार्यक्रम का समापन राग जोग पर आधारित ‘भजो रे भैया’ व राम कीर्तन के साथ हुआ। वायलिन पर गुलजार हुसैन, सूर्यकांत सूर्वे ने मंजीरे और शंख की संगत से प्रस्तुति को खास बनाया।