April 16, 2025, 4:57 pm
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24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ से पूर्व निकली कलश यात्रा

जयपुर। चालो चालो सुहागन नार कलश सिर धारण करो थारो चुड़लो अमर हो जाए कलश सिर धारण करो….मंगल गीत की स्वर लहरियां, हम गायत्री मां के बेटे तुम्हें जगाने आए हैं…हम बदलेंगे युग बदलेगा, हम सुधरेंगे युग सुधरेगा… का जयघोष। यह दृश्य था मंगलवार को आगरा रोड स्थित ग्रीन पार्क पंचमुखी महादेव मंदिर से निकाली गई कलश यात्रा का। पीली साड़ी में पंद्रह सौ से अधिक मातृ शक्ति सिर पर मंगल कलश लेकर निकली तो मानो समय ठहर सा गया।

उत्साह-उमंग से लबरेज युवा और बच्चे हाथों में सद्वाक्य लिखी तख्ती थामे एक छोटे से विचार से बड़े परिवर्तन करने में अपनी भूमिका निभा रहे थे। विश्व शांति और राष्ट्र जागरण के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में 19 अप्रेल तक होने वाले 24 कुंडीय शक्ति संवद्र्धन गायत्री महायज्ञ से पूर्व निकाली गई इस कलश यात्रा में समाज के सभी वर्गों ने श्रद्धा के साथ भागीदारी की। कार्यक्रम संयोजक अनिल खंडेलवाल ने बताया कि गाजेबाजे और स्वरूप झांकियों के साथ निकली कलश शोभायात्रा में महिलाएं कलश के ऊपर हरियाली बढ़ाने का संदेश देने के लिए ज्वारे लिए हुएं चल रही थीं।

वहीं बड़ी संख्या में पुरुष कार्यकर्ता हाथों में पीले ध्वज थामे चल रहे थे। वहीं कई लोग सिर पर सदग्रंथ लेकर चल रहे थे। भारत माता, झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और महाराणा प्रताप की स्वरूप झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही। शोभायात्रा में राम दरबार की झांकी भी थी। बड़ी संख्या में युवतियां राजस्थानी साफा पहने वाहन रैली के रूप में भी साथ चल रही थीं। कलश शोभायात्रा यात्रा हाइवे के किनारे सर्विस रोड होते हुए पुन: यज्ञ स्थल पहुंची। विभिन्न संस्थाओं की ओर से पुष्प वर्षा कर जगह-जगह स्वागत किया गया।

कलश धारण करने की शक्ति केवल मातृ शक्ति में:

शांतिकुंज हरिद्वार से आई विद्वानों की टोली के टोली नायक प्रभाकांत तिवारी ने उद्बोधन में कहा कि मातृ शक्ति ही देवताओं, महापुरूषों, शहीदों को जन्म देती है। कलश में सभी देव शक्तियां विद्यमान होती है। इस कलश को अपने सिर पर धारण करने की सामथ्र्य केवल महिलाओं में हैं। जिस प्रकार एक कलश में सभी देव शक्तियां आराम से रह सकती है तो हमें भी परिवार और समाज में मतभेद होते हुए बिना मन भेद के सभी के साथ मिल जुलकर रहना चाहिए। यही कलश पूजन और कलश यात्रा का उद्देश्य है।

गायत्री परिवार राजस्थान जोन के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल, गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणिशंकर पाटीदार, रामकिशोर शर्मा, महावीर माहेश्वरी, ऋतिक खंडेलवाल सहित अन्य ने प्रारंभ में कलश पूजन किया।

संगीतमय प्रवचन आज, हवन कल से:

बुधवार 16 अप्रेल को दोपहर दो से शाम पांच बजे तक संगीतमय प्रवचन होंगे। गुरुवार, 17 अप्रेल को सुबह आठ बजे से देव पूजन और गायत्री महायज्ञ होगा। इसी दिन दोपहर दो से शाम पांच बजे तक कार्यकर्ता गोष्ठी और संगीतमय प्रवचन होंगे। शुक्रवार, 18 अप्रेल को सुबह आठ बजे से गायत्री महायज्ञ और विभिन्न संस्कार कराए जाएंगे।

दोपहर दो से शाम पांच बजे तक संगीतमय प्रवचन होंगे। शाम सात से रात्रि नौ बजे तक राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ होगा। शनिवार, 19 अप्रेल को सुबह आठ बजे से गायत्री महायज्ञ एवं विभिन्न संस्कार होंगे। गुरु दीक्षा संस्कार विशेष रूप से कराया जाएगा। नशा मुक्ति संकल्प के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। दोपहर एक बजे शांतिकुंज से आई टोली की विदाई होगी।

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