जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित संगीत संध्या के दूसरे दिन शुक्रवार को कथक की प्रस्तुति के साथ शाम सजी। जयपुर घराने की नृत्यांगना रश्मि उप्पल ने अलग—अलग राग पर आधारित बंदिश पर कथक कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। मधुरम के अंतर्गत साप्ताहिक संगीत का आयोजन किया गया था।
गणेश वंदना के साथ रश्मि ने प्रस्तुति की शुरुआत की। प्रथम पूज्य को नमन करने के बाद रश्मि ने तीन ताल में निबद्ध राग मिश्र जोग की बंदिश ‘मनवा तोरे संग बह बह जाए’ पर कथक किया। शृंगार रस से ओत—प्रोत बंदिश पर रश्मि ने बेहतर आंगिक अभिनय और फुटवर्क का प्रदर्शन किया।
इसके बाद उन्होंने तीन ताल में ठुमरी पेश की। गत, तोड़े और चक्करदार के बाद ताल दीपचंदी में निबद्ध मिश्र पीलू राग की ठुमरी के साथ प्रस्तुति आगे बढ़ी। ‘प्यारी को शृंगार करत नंदलाल’ बंदिश पर रश्मि ने कृष्ण और राधा के अनुपम प्रेम की महिमा का बखान किया। इसमें कृष्ण को राधा का शृंगार करते हुए दर्शाया गया।
नृत्य गुरु अदिति मंगलदास के निर्देशन में इस प्रस्तुति को तैयार किया गया। तबले पर मोहित गंगानी, पखावज और पढ़न्त पर आशीष गंगानी, हारमोनियम पर राजेन्द्र मेवाल, सारंगी पर अमिरूद्दीन खान ने संगत की। प्रणय भारद्वाज ने मंच संचालन किया।