November 21, 2024, 6:45 pm
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खरमास हुआ शुरू, 14 जनवरी 2024 तक रहेगा मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम

जयपुर। देवउठनी एकादशी से शुरू हुए मांगलिक कार्यक्रमों में अब विराम लग जाएगा। 15 दिसंबर की अवधि के बाद विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए कोई शुभ मुहूर्ते नहीं है। पंड़ित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शास्त्रो में खरमास के दौरान सभी मांगलिग कार्य जैसे विवाह,मुंडन,गृह प्रवेश ,जनेऊ संस्कार के लिए मुहूर्ते नहीं होता है।

जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में विराजमान होते है तो खरमास होता है। इसमें ऐसी मान्यता है कि इस अवधि में सूर्यदेव अपने गुरु बृहस्पति की सेवा में रहते है। सूर्य की अनुपस्थिति में कोई मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता । ऐसे में इस अवधि में विवाह ,यज्ञोपवीत ,मुंडन एवं गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं होते। इस अवधि में सूर्य एक महीने तक धनु राशि में रहेंगे।

खरमास साल में दो बार आता है।गर्मी के सीजन में भी मई और जून में शुभ विवाह के मुहूर्त नहीं रहेंगे। क्योंकि इन दोनो माह में शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण लोगों को इंतजार करना पड़ेगा। खरमास में इस कारण नहीं होते शुभ कार्य : धनु बृहस्पति की राशि है ।

ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव जब भी बृहस्पति की राशि पर भ्रमण करते है ,तो इससे गुरू ग्रह का प्रभाव कमजोर हो जाता है और सूर्य भी अपना तेज कम कर लेते है। इस दौरान सूर्य की चाल बहुत धीमी हो जाती है ,मांगलिक कार्य के लिए इन दोनों ग्रहों को मजबूत होना सुखमय जीवन के लिए जरूरी है। इसलिए खरमास के दौरान मांगलिक कार्यक्रम रूक जाते है।

नए साल में ये होंगे अबूझ सावे

शर्मा ने बताया कि अगले साल पहला अबूझ विवाह मुहूर्त 14 फरवरी को बसंत पंचमी का होगा। इसके बाद 12 मार्च फुलेरा दूज, 10 मई अक्षय तृतीया और 23 मई पीपल पूर्णिमा का अबूझ सावा रहेगा। हालांकि बीच-बीच में ब्रेक भी रहेगा। इसमें 17 मार्च से 24 मार्च तक होलाष्टक के चलते विवाह समारोह नहीं होंगे। वहीं, 14 मार्च से 13 अप्रैल तक मीन की संक्रांति के कारण मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। 7 मई से 2 जून तक गुरु, 23 अप्रैल से 30 जून शुक्र तारा अस्त होने पर भी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।

नए साल में 16 जनवरी से बजेगी शहनाई

मलमास के बाद नए साल में शहनाई 16 जनवरी से गूंजेगी। इसके बाद 20, 22, 30 , 31 जनवरी को भी शादी के मुहूर्त हैं। फरवरी में 4, 6, 12, 18 तक और मार्च में 4, 5, 6, 7 को मांगलिक एवं धार्मिक आयोजन हो सकेंगे। इसके बाद फिर मार्च मध्य से अप्रैल के मध्य तक मलमास रहेगा। अप्रैल में 18, 19, जुलाई में 9, 11 , 15 को विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

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