जयपुर। मानसरोवर थाना इलाके में घर के बाहर खेल रही एक तीन साल की बालिका का अपहरण करने का मामला सामने आया है। घटना के बीस घंटे बाद बालिका घर से एक किलोमीटर दूर मिली, तब जाकर पुलिस और बालिका के परिजनों ने राहत की सांस ली। बालिका एक दम्पति के साथ थी जो कि कोरोना में बेटे की मौत के बाद डिप्रेशन में है। पूछताछ में महिला ने बताया कि बालिका उनकी बेटी का हाथ पकड़कर खुद ही साथ आ गई थी। फिलहाल आरोपी महिला से पुलिस पूछताछ कर रही है।
मानसरोवर थानाधिकारी राजेन्द्र गोदारा ने बताया कि सेक्टर-45 पावर हाउस के पास रहने वाले रतन सिंह ने मामला दर्ज करवाया कि गुरुवार शाम साढे पांच बजे बच्ची घर के अंदर खेल रही थी। खेलते-खेलते कब बाहर निकल गई। परिजनों को पता नहीं चला। खेलते-खेलते अचानक मासूम के गायब होने के बाद परिवार ने काफी ढूंढा। लेकिन बच्ची का पता नहीं चला। परिचित-रिश्तेदारों से भी जानकारी जुटाने पर बेटी नहीं मिली। घटना के वक्त घर में बच्ची की मां और बड़ी बहन मौजूद थे। पिता रतन सिंह काम पर गए हुए थे। आखिरी बार बच्ची को मां ने देखा था।
मां का कहना है कि बेटी कब घर से निकल गई पता नहीं चला। कॉलोनी के लोगों ने भी अपनी तरफ से बेटी को ढूंढने के प्रयास किए। मानसरोवर थाने में पीड़ित रतन ने ढाई साल की बेटी के गायब होने की सूचना दी। पुलिस ने वारदातस्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। किरण पथ से मिले एक फुटेज में बच्ची दिखाई दी। एक महिला और लड़की हाथ पकड़कर बच्ची को पैदल ले जाते दिखाई दी। फुटेज के आधार पर शुक्रवार को करीब डेढ बजे एक किलोमीटर दूर बच्ची मिल गई है। बच्ची का अपहरण करने वाले पति-पत्नी के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है।