जयपुर। क्लार्क्स आमेर में चल रहे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का सोमवार को समापन हो गया, रघुपति राघव राजा राम भजन के साथ अंतिम दिन की शुरुआत हुई। बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्टर, प्ले राइटर और लेखक मानव कौल ने अ बर्ड ऑन माय विंडो सिल सेशन में शिरकत की और अपनी जिंदगी से जुड़े कई अनूठे अनुभव साझा किए।
चाय का जीवन में खास महत्व
मानव कौल ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कई तरह के काम किए हैं, जिनमें चाय की दुकान खोलना और पतंगें बेचना शामिल है। उन्होंने कहा चाय मेरी जिंदगी का हिस्सा रही है। थिएटर के दौरान ब्रेक को चाय ब्रेक कहा जाता था क्योंकि उस समय चाय के साथ बिस्किट मिलते थे। वहीं से चाय के प्रति मेरा लगाव शुरू हुआ।
जीवन में सफर का सिलसिला जरूरी
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में हिंदी के प्रोफेसर ऐश्वर्या कुमार के साथ बातचीत के दौरान मानव कौल ने कहा वहं कश्मीर के बारामूला में पैदा हुए और होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) में पले-बढ़े। छोटे शहरों में पले-बढ़े लोगों में एक खास तरह की आजादी और कॉम्प्लेक्स दोनों होते हैं। बचपन में वह और उसका दोस्त सलीम होशंगाबाद रेलवे स्टेशन जाकर ट्रेनों को आते-जाते देखा करते थे और सोचते थे कि ये ट्रेनें कहां जाती हैं।
उन्होंने बताया कि हाल ही में वे यूरोप यात्रा से लौटे हैं और अब अगली यात्रा की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा जिंदगी एक सफर है और इस सफर का सिलसिला थमना नहीं चाहिए। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के इस आखिरी दिन दर्शकों ने विभिन्न सत्रों में साहित्य, संस्कृति और जीवन से जुड़ी प्रेरक चर्चाओं का आनंद लिया।