मुंबई: लुब्रिजोल ने इंडिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका (आईएमईए) में अपनी विकास के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए नितिन मेंगी को लुब्रिज़ोल एडिटिव्स आईएमईए का वाइस प्रेजिडेंट नियुक्त करने की घोषणा की है। साथ ही उन्हें लुब्रिज़ोल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
यह कंपनी के ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ सफलता सुनिश्चित करते हुए इंडिया में ग्रोथ पर अपना ध्यान केंद्रित करने की संगठन की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है।
इस भूमिका में, नितिन कंपनी के एडिटिव्स व्यवसाय के ग्रोथ को बढ़ावा देने, परिवहन और औद्योगिक बाजारों की सेवा करने और पूरे क्षेत्र में ग्राहकों के लिए अवसर बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके अलावा वह क्षेत्र में कंपनी की रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए भावना बिंद्रा का भी सहयोग करेंगे, जो हाल ही में लुब्रिज़ोल आईएमईए के मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में टीम में शामिल हुई हैं।
फ्लेवियो क्लिगर, यसव्हीपी प्रेजिडेंट, लुब्रिज़ोल एडिटिव्स ने कहा, “लुब्रिज़ोल ने पूरे आईएमईए में अपनी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाना जारी रखा है, हमारी क्षेत्रीय नेतृत्व टीम को जोड़ने से हमारे काम में तेजी लाने में मदद मिलेगी। हम आईएमईए में ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपने कस्टमर्स को सस्टेनेबल सॉल्यूशन प्रदान कर रहे हैं, जो मोबिलिटी को आगे बढ़ाते हैं और आधुनिक जीवनशैली में सुधार करते हैं।”
नितिन के पास एशिया पैसिफिक, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका सहित कई रीजन में गैस और ऑयल इंडस्ट्री में क्रॉस-फ़ंक्शनल टीमों को लीड करने का 20 साल से अधिक का एक्सपीरियंस है। उन्होंने पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल्स में फोकस के साथ महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, गाजियाबाद से एमबीए भी किया है।
नितिन मेंगी ने कहा, “इंडस्ट्री में लुब्रिज़ोल की लीडरशिप कुछ ऐसी है जिसके बारे में मैं कुछ समय से जानता हूं और उसका सम्मान करता हूं। अब मुझे लुब्रिज़ोल के भविष्य के लिए वास्तव में प्रभावशाली योजनाओं का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है।”
लुब्रिज़ोल लगातार आईएमईए क्षेत्र में अपनी वर्तमान क्षमता, वाणिज्यिक प्रयासों और तकनीकी विशेषज्ञता को और भी मजबूत कर रहा है। यह प्रयास 150 मिलियन डॉलर के एक बड़े निवेश का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य विकास को प्रोत्साहित करना है। इसमें भारत में एक नया अत्याधुनिक सीपीवीसी रेज़िन प्लांट का निर्माण भी शामिल है, जो 2025 में कार्यशील होने पर दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट होगा। इसके अलावा भारत के पुणे में एक ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर (जीसीसी) भी बनने जा रहा है, जो क्षेत्र में लुब्रिज़ोल इनोवेशन का समर्थन करने के लिए एक रणनीतिक निवेश है।
(अनिल बेदाग)