मुंबई। भारत में उर्जा के प्राकृतिक स्रोतों के विकल्पों के बारे में जागरुकता बढ़ रही है। हालांकि बढ़ती जागरुकता एवं सरकार द्वारा शुरू की गई कई पहलों के बावजूद स्वच्छ उर्जा को सुलभ बनाना जल्द से जल्द ज़रूरी हो गया है। इस बीच ‘सोलर स्पैक्ट्रम ऑफ न्यू इंडिया’ के एक विश्लेषण में पाया गया है कि भारत में 97 फीसदी उत्तरदाताओं के घर पर सोलर रूफटॉप सिस्टम इंस्टॉल्ड नहीं हैं।
ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज़ द्वारा किया गया अध्ययन ‘सोलर स्पैक्ट्रम ऑफ न्यू इंडिया’ उस विरोधाभास पर रोशनी डालता है जहां लोग बताते हैं कि वे सोलर एनर्जी (सौर उर्जा) समाधानों के फायदे जानते हैं लेकिन फिर भी इन्हें अपनाने में नाक़ाम हैं। अध्ययन के अनुसार भारत में सोलर पावर (सौर विद्युत) को अपनाने में आने वाली मुख्य बाधाएं हैंः सुलभता, विशेषज्ञ कौशल की कमी और लागत से जुड़े मुद्दे।
85 फीसदी लोगों का मानना है कि उनके शहर में सोलर-पावर्ड रूफटॉप सिस्टम इंस्टॉल करने के लिए मौसम की परिस्थितियां अनुकूल हैं, फिर भी वे इसके फायदों का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हैं। तकरीबन एक चौथाई (24 फीसदी) उत्तरदाताओं का कहना है कि सोलर एनर्जी समाधान उनके लिए सुलभ ही नहीं हैं।
विशेषज्ञ कौशल की बात करें तो 90 फीसदी उत्तरदाता इस बात से सहमत हैं कि सोलर समाधान जैसे रूफटॉप पैनल इंस्टॉल करने के लिए विशेषज्ञ कौशल ज़रूरी होता है, जो इस क्षेत्र में तकनीकी विशेषज्ञता के महत्व पर रोशनी डालता है।
तकरीबन आधे (45 फीसदी) उत्तरदाताओं का मानना है कि उनके आस-पास सोलर एनर्जी समाधान इंस्टॉल करने के लिए कुशल कर्मचारी उपलब्ध नहीं हैं। ये अध्ययन कुशल कर्मचारियों की मांग एवं आपूर्ति के बीच के अंतर पर रोशनी डालते हैं। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले आधे से अधिक (52 फीसदी) उत्तरदाताओं का मानना है कि करियर के अवसरों के बारे में जागरुकता की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा हर पांच में से लगभग एक उत्तरदाता (19 फीसदी) के अनुसार प्रशिक्षण के लिए कंपनी उन्मुख पहलों का अभाव है। ऐसे में उद्योग जगत के हितधारकों को सोलर पावर सेक्टर में करियर के अवसरों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए प्रयास करने होंगे।
अध्ययन के बारे में बात करते हुए प्रीति बजाज, एमडी एवं सीईओ, ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज़ ने कहा, ‘‘ल्यूमिनस में हम ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां देश भर के समुदाय एक साथ मिलकर सोलर पावर की क्षमता का लाभ उठाएं तथा स्थायी एवं उर्जा प्रभावी कल का मार्ग प्रशस्त करें। यह अध्ययन उर्जा के नए समाधानों के प्रति उपभोक्ताओं की बदलती सोच, उनकी सीमाओं पर रोशनी डालता है। भारत में सोलर एनर्जी की पूर्ण क्षमता का लाभ उठाने तथा देश भर में स्थायी विकास को बढ़ावा देने के लिए कौशल की खामियों को दूर करने एवं कुशल कार्यबल को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को तेज़ करना होगा।’’
(अनिल बेदाग)