जयपुर। माघ पूर्णिमा बुधवार को ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत योग बनेगा। शुभ योग में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम नगरी पहुंचेंगे हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 12 फरवरी को सुबह 7:23 बजे तक अश्लेषा नक्षत्र रहेगा। पूर्णिमा तिथि 12 फरवरी को सुबह 5:23 से प्रारंभ होगी। जो 13 फरवरी को सूर्योदय से पहले 6:33 तक रहेगी। पूर्णिमा को सौभाग्य योग के बाद शोभन योग भी रहेगा। कुंभ राशि में बुध एवं शनि, मीन राशि में शुक्र एवं राहु संचरण करेंगे। यह अत्यंत उत्तम माना जाता है।
ऐसे में इस दिन स्नान-दान और पितृ पूजा का विशेष महत्व है। इस बार का योग विशेष है क्योंकि सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मा और शोभन योग के अधिपति बृहस्पति हैं। जो श्रद्धालु माघ मास में स्नान नहीं कर पाए हैं, वे पूर्णिमा के दिन स्नान कर पूरे माघ मास का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। देवताओं के गुरु बृहस्पति वृषभराशि में मार्गी हो चुके हैं। 11 फरवरी को बुध भी अपना स्थान बदलेंगे और मकर राशि से कुंभ राशि में आ जाएंगे। इसकी वजह से कुंभ राशि में बुध व शनि का योग बनेगा, जो तकनीकी व्यापार जगत में वृद्धि होगी और नए अविष्कार सामने आएंगे।