जयपुर। महाराणा प्रताप जयंती पर महाराणा प्रताप समारोह समित की ओर से आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि केबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ उपस्थित हुए। जिन्होने समारोह में महाराणा प्रताप के जीवन व उसके संघर्ष के साथ उनके संकल्प के बारे में चर्चा की । राठौड़ ने बताया कि महाराणा प्रताप ने स्वाधीनता और स्वाभिमान के लिए काफी संघर्ष किया और पूरे देश को प्रेरणा दी।
शनिवार शाम महाराणा प्रताप जयंती पर महाराणा प्रताप समारोह समिति की ओर से आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राठौड़ ने कहा कि आज का यह अवसर विशिष्ट है। आज हम भारतीय शौर्य और वीरता के पर्याय रहे एक महान नायक को याद कर रहे हैं। महाराणा ने हमारे लोक संस्कार में गौरव के जो बीज डाले, वह आज पूरे देश के लोकमानस में सामाजिक-सांस्कृतिक बोध और संस्कार के रूप में दिखाई देते हैं। ऐसे महान वीरों के प्रति कृतज्ञता का भाव सही मायनों में हमारी ऊर्जा का स्रोत है।
राठौड़ ने कहा कि ऐसे महावीरों से हमें देश और समाज के लिए संघर्ष करने और विजयी होने की महान प्रेरणा मिलती है। हमें आगे बढ़ने का साहस मिलता है। हमें विपरीत स्थितियों में अपने मूल्य और आदर्श की रक्षा करने की शक्ति मिलती है। हम हर परिस्थिति में निर्भीक बने रहते हैं।
केबिनेट मंत्री राठौड़ ने कहा कि महाराणा की प्रेरक स्मृति और उनकी अदम्य वीरता के वर्णन के साथ जब हम इतिहास की तरफ लौटते हैं तो हम इस बात को समझ पाते हैं कि हमारे नायकों की यशस्विता, उनकी स्मृति कैसे शताब्दियों बाद भी जीवित है।
उन्होंने कहा कि किसी देश के इतिहास में 400-500 वर्ष का वक्त कम नहीं होता है। इस कालखंड में भारत सहित दुनिया में बहुत कुछ बदला है। सभ्यता, विकास और विज्ञान ने इस दौरान एक बड़ी और कालजयी यात्रा पूरी की है। इतने वर्षों में अगर नहीं कुछ बदला है तो वह है महाराणा प्रताप जी को लेकर हमारे अंतस का सम्मान।
यह देश अपने महान शूरवीरों पर गर्व करता है, उन्हें अपनी लोक चेतना और स्मृति का हिस्सा मानता है। सैकड़ों वर्षों से महाराणा प्रताप अगर हमारे लिए लगातार श्रद्धेय बने हुए हैं, उनकी वीरता और साहस के प्रति हम सम्मान का भाव रखते हैं तो यह कोई साधारण बात नहीं है।
युवा पीढ़ी को बता रहे असली इतिहास : बनवासा
कार्यक्रम संयोजक प्रेम सिंह बनवासा ने बताया कि 13 वर्षों से महाराणा प्रताप जयंती पर इस समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह का उद्देश्य युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के सिद्धांतों से परिचित कराना है। असली इतिहास बताना है, क्योंकि आजादी के बाद पाठ्यपुस्तकों में महाराणा प्रताप को नहीं, बल्कि अकबर को महान बताया जा रहा है। हमें इस पाठ्यक्रम को भी बदलना है।
इन्होंने किया संबोधित
समारोह को श्री क्षत्रिय युवक संघ के केंद्रीय कार्यकारी गजेंद्र सिंह आऊ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी संजीव भार्गव, टोंक के पूर्व जिला प्रमुख सत्यनारायण चौधरी, राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई ने भी संबोधित किया। राष्ट्रवादी कवि उमेश उत्साई ने काव्य पाठ किया।