March 14, 2025, 2:22 am
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महाशिवरात्रि बुधवार को : छोटीकाशी के शिवालय ऊँ नम: शिवाय के जयकारों से रहेंगे गुंजायमान

जयपुर। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व भक्ति भाव से मनाया जाएगा। छोटीकाशी के शिवालयों ऊं नम: शिवाय के जयकारों से गुंजायमान रहेंगे। नवविवाहिताओं की ओर से शिवालयों में जयघट चढ़ाई जाएगी। विशेष योग-संयोग में भोलेनाथ की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही भगवान शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।

जो व्यक्ति महाशिवरात्रि का विधिवत पूजन,रात्रि जागरण और उपवास करता है उनका पुनर्जन्म नहीं होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो अविवाहित है वे आज भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने के साथ व्रत भी करे। जो लोग शिव पूजा करने के साथ व्रत करके यथाशक्ति जरूरतमंदों को दान करते हैं उन्हें एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है। बुध मालव्य, शश, बुधादित्य योग रहेगा। श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र,परिघ योग, वणिज करण के बाद शकुनि करण और मकर राशि का चंद्रमा रहेगा।

विशिष्ट सामग्री से मिलेगी विशेष कृपा:

श्रद्धालु भगवान को बिल्वपत्र, भांग,धतूरा,गन्ने का रस,पंचामृत,दूध,नागकेसर,गाजर,बेर आदि से पूजा करेगें। शिवलिंग का गंगाजल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करने से आर्थिक लाभ होता है। जल में जौ मिलाकर चढ़ाने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। कर्ज मुक्ति के लिए भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। विशेष मनोकामना के लिए बुधवार को शिवजी की चार प्रहर की पूजा करें। इन चारों प्रहर में की गई पूजा से धन,पद,मान-सम्मान के साथ संतान सुख की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें चार प्रहर की पूजा:

प्रथम प्रहर दूध से अभिषेक करें। द्वितीय प्रहर दही से, तृतीय प्रहर में घी से और चतुर्थ प्रहर में शहद से अभिषेक करें। प्रथम प्रहर शाम 6-22 से रात्रि 9:30,द्वितीय प्रहर रात्रि 9:31 से1:39,तृतीय प्रहर मध्य रात्रि 12:40 से 3: 48,चतुर्थ प्रहर मध्य रात्रि बाद 3: 49बजे से अगले दिन सुबह 06:57बजे तक रहेगा। निशीथ काल मध्य रात्रि 12:15 से 1: 05 बजे तक रहेगा।

शिवालयों में सुबह से उमड़ेंगे श्रद्धालु:

चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में पुजारी अमित पाराशर के सान्निध्य में भगवान भोलेनाथ का श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में अभिषेक का सिलसिला शुरू होगा जो देर शाम तक चलेगा। इसके बाद विशेष झांकी सजाई जाएगी। वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव मंदिर में सुबह 4:30 बजे पट खुलेंगे और रात 12 बजे पट बंद होंगे। शाम चार बजे तक भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके बाद थाईलैंड और बेंगलूरु से विशेष फूलों से विशेष झांकी सजाई जाएगी। 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभालेंगे। महिला—पुरुष की लाइनें अलग—अलग होंगी। बुजुर्गों के लिए ईरिक्शा की व्यवस्था रहेगी। शाम को भजन संध्या में भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया जाएगा।

कावड़ जल से करेंगे अभिषेक:

दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर परिसर के आनन्देश्वर महादेव का पुष्करराज से लाई जाने वाली कावड़ जल से जलाभिषेक किया जाएगा। यहां चार पहर की पूजा की जाएगी। छोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव,कूकस स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर सदाशिव महादेव मंदिर में बिल्वपत्र, गंगाजल वितरण किया जाएगा। धूलेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

शिवालयों में सुबह से उमड़ेंगे श्रद्धालु:

चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर महादेव मंदिर में पुजारी अमित पाराशर के सान्निध्य में भगवान भोलेनाथ का श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त में अभिषेक का सिलसिला शुरू होगा जो देर शाम तक चलेगा। इसके बाद विशेष झांकी सजाई जाएगी। वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव मंदिर में सुबह 4:30 बजे पट खुलेंगे और रात 12 बजे पट बंद होंगे। शाम चार बजे तक भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके बाद थाईलैंड और बेंगलूरु से विशेष फूलों से विशेष झांकी सजाई जाएगी। 200 से अधिक स्वयंसेवक व्यवस्थाएं संभालेंगे। महिला—पुरुष की लाइनें अलग—अलग होंगी। बुजुर्गों के लिए ईरिक्शा की व्यवस्था रहेगी। शाम को भजन संध्या में भगवान भोलेनाथ का गुणगान किया जाएगा।

कावड़ जल से करेंगे अभिषेक:

दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर परिसर के आनन्देश्वर महादेव का पुष्करराज से लाई जाने वाली कावड़ जल से जलाभिषेक किया जाएगा। यहां चार पहर की पूजा की जाएगी। छोटवाड़ा रोड स्थित चमत्कारेश्वर महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ स्थित रोजगारेश्वर महादेव,कूकस स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगेश्वर सदाशिव महादेव मंदिर में बिल्वपत्र, गंगाजल वितरण किया जाएगा। धूलेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाएगा।

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