जयपुर। विश्व भर में ग्रंथ तो बहुत है ,लेकिन गीता एक मात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता जयंती 22 दिसंबर यानि आज मनाई जा रही है। शनिवार 23 दिसंबर को साल की आखिरी मोक्षदा एकादशी के रूप में मनाई जाएगी । जिसे गीता जयंती के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन पंचांग भेद के कारण 22 दिसंबर को भी मनाई जाएगी। या यू माने की मोक्षदा एकादशी का पर्व दिन मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पुरूषोत्तम गौड़ के बताए अनुसार द्वापर युग में अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से इस तिथि को गीता जयंती के रूप में मनाने की परंपरा है। मोक्षदा एकादशी पर व्रत-उपवास, पूजा-पाठ के साथ ही श्रीकृष्ण की कथाएं, ग्रंथ पढऩा-सुनना चाहिए। श्रीकृष्ण की नीतियों को जीवन में उतार लेने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और मुश्किल से मुश्किल काम भी पूरे हो जाते हैं।
गोविंद देवजी मंदिर में होंगे विशेष कार्यक्रम
मोक्षदा एकादशी पर गोविंद देवजी मंदिर में मुख्य आयोजन होगा। जिसमें ठाकुरजी को लाल रंग की पोशाक पहनाकर गोचारण लीला के आभूषण धारण कराए जाएंगे। जिसमें विभिन्न् संस्थाओं की ओर से गीता का सामूहिक पाठ कर उपहार में गीता जी की पुस्तक भेंट की जाएगी।