April 25, 2025, 10:04 am
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विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने दी एसओजी के अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने पर सत्याग्रह की चेतावनी

जयपुर। सवाई माधोपुर से विधायक डॉ किरोड़ी लाल मीणा बुधवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) कार्यालय पहुंचे और पेपर लीक मामले की जांच कर रहे एसओजी एडीजी वीके सिंह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद विधायक ने तीन परीक्षाओं के पेपर लीक के सबूत दिए। इस दौरान कुशलगढ़ से कांग्रेस विधायक रमिला खड़िया भी एसओजी ऑफिस में मौजूद रही। किरोड़ी ने एसओजी के पूर्व अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया और कहा कि अगर उन पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे सत्याग्रह करेंगे। पेपर लीक मामले में पूर्ववर्ती सरकार के कई नेता शामिल है। उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में किरोड़ी ने कहा कि उनके पास आरएएस, रीट और एसआई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के सबूत हैं। इन सबूत से एसओजी को बड़े मगरमच्छों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी। उदयराम और सुरेश ढाका (सीनियर टीचर भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड) को एसओजी इंस्पेक्टर मोहन पोसवाल ने फरार करवा रखा है। वह एडिशनल डीजी को कहकर आए है, जिस दिन उदयराम और सुरेश ढाका पकड़े जाएंगे।

पूर्ववर्ती सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा नेता पकड़ में आएंगे, जिन्होंने पेपर लीक करवाया है। उदयराम और सुरेश के पास कई जानकारी है, जिनकी गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने के लिए कहा है। किरोड़ी ने कहा कि आरपीएससी चेयरमैन संजय श्रोत्रिय ने भी कई कबाड़े किए हैं। उसकी भी जानकारी एडीजी को दी गई है।

किरोड़ी ने कहा कि आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ और मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है। कॉन्स्टेबल भर्ती मामले में धांधली को लेकर कोर्ट ने मोहन पोसवाल से पूछा था कि उनको जानकारी कहां से मिली तो मोहन ने कहा कि मेरे मोबाइल पर वॉट्सऐप आया था।

कोर्ट ने कहा कि क्या आपने अपना मोबाइल जब्त किया, तो पोसवाल ने मना कर दिया कि जब्त नहीं किया। कोर्ट ने पूछा कि सूचना किसने दी। पोसवाल ने कहा कि मुझे यह जानकारी उदयराम ने दी। किरोड़ी ने कहा कि एसओजी से उन अधिकारियों की गिरफ्तारी मांग की गई है, जिन लोगों ने राजस्थान के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया। जिन नेताओं के फोन पर एसओजी के अधिकारियों ने काम किया, उनकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए। एसओजी ने कार्रवाई नहीं की तो मैं सत्याग्रह करूंगा।

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने जमकर नकल माफिया को पनपाया। एसओजी के अधिकारियों ने भी उनका साथ दिया है। एसओजी के उन अधिकारियों का नाम भी एडीजी एसओजी को देकर आया हूं। क्योंकि उनके इशारे पर ही पेपर लीक का यह खेल नहीं खुला, जबकि सैकड़ों की संख्या में लोग उस दौरान सड़क पर उतरे थे।

भूपेंद्र सारण का मिला था लेटर, एसओजी ने ली थी रिश्वत

किरोड़ी ने एक लेटर दिखा कर बताया कि मुझे यह लेटर 10 दिसंबर 2022 को डाक से मिला था। यह पेपर लीक के आरोपी भूपेंद्र सारण का है, जो जेल में है। उसका पत्र मुझे पहले मिल गया था। इस लेटर में उसने यह बताया कि मेरे से एसओजी के लोगों ने रिश्वत बतौर 64 लाख रुपए लिए हैं। इसलिए मैंने कहा है ये सच्चा है। जब एसओजी मिल गई तो फिर कुछ नहीं बचने वाला है।जो पत्र एसओजी के एडीजी को दिया गया है, उसमें तत्कालीन और वर्तमान अधिकारियों के नाम व जानकारी है। इन लोगों ने जिम्मेदार सीट पर बैठ कर कई बेगुनाहों को फंसाया और आरोपियों को छोड़ दिया। यदि 15 दिन में इन अधिकारियों के खिलाफ एसओजी ने एक्शन नहीं लिया तो वह एसओजी के सामने बैठ कर सत्याग्रह करेंगे।

5 महीने पहले 400 कैंडिडेट की सौंप चुके लिस्ट

पांच महीने पहले किरोड़ी लाल मीणा ने एसओजी ऑफिस पहुंच कर एसआई भर्ती 2021 में नकल गिरोह से जुड़े सबूत पेश किए थे। उन्होंने एसओजी एडीजी वीके सिंह को भर्ती में करीब 400 अभ्यर्थियों का पेपर लीक से फर्जी चयन होने के डॉक्युमेंट दिए। इसके अलावा उन्होंने आरएएस-2018 और 2021 में भी अभ्यर्थियों का फर्जी चयन होने का दावा कर सबूत दिए और जांच की मांग उठाई थी।

गौरतलब है कि किरोड़ी लाल ने इससे पहले ईडी में भी जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर दस्तावेज दिए थे। इसके बाद ईडी ने इस केस में एक के बाद एक बड़े ठेकेदारों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया।

किरोडी लाल ने इन पर उठाए सवाल

आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक में शिवसिंह राठौड़ की भूमिका और मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच प्राइवेट लोगों के हाथों में देकर भ्रष्टाचार करने में वर्तमान अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय की भूमिका है।

शिवसिंह राठौड़ के कार्यवाहक अध्यक्ष बनने के बाद 18 दिसंबर 2021 को अपने ट्विटर अकांउट से एक ट्वीट किया गया। ट्वीट आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न-पत्र द्वितीय के खंड-स भूगोल का 13वां प्रश्न है, जोकि 10 अंक का था यानी शिवसिंह राठौड़ ने आरएएस 2021 की मुख्य परीक्षा के प्रश्न पत्रों को पैसे लेकर अपने चहेतों को बेचा।

संजय श्रोत्रिय को आरपीएससी अध्यक्ष 16 फरवरी 2022 को नियुक्त किया, जो वर्तमान में भी कार्यरत है। रीट में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डी.पी. जारोली ने रामकृपाल मीणा, प्रदीप पाराशर राजीव गांधी स्टडी सर्किल के निजी शिक्षकों को जिम्मेदारी दी। इस कारण रीट का पेपर लीक हुआ, उसी तर्ज पर संजय श्रोत्रिय ने भी निजी महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा की कॉपी जांचने की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे डाली।

आरएएस मुख्य परीक्षा का तृतीय पेपर लोक प्रशासन विषय के यूनिट-2, जो 65 अंक का है। उस प्रश्न-पत्र को अनुभवहीन शिक्षकों को जांचने की जिम्मेदारी दी। एमएनआईटी में लोक प्रशासन के प्रश्नों को ओटीएस से सेवानिवृत्त आर. के. चौबीसा को कॉपी जांचने का हेड कॉर्डिनेटर बनाया गया। जिसने लोक प्रशासन के प्रश्नों को जांचने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की बजाय अनुभवहीन प्राइवेट कॉलेज की शिक्षक रीटा माथुर को रूम इंचार्ज की जिम्मेदारी दी।

प्राइवेट कॉलेजों के शिक्षक रीटा माथुर, मनीषा माथुर, इन्दु शर्मा, अर्चना मिश्रा, रूपाली भदौरिया, पवन शर्मा, प्रीति अग्रावत को आरएएस मुख्य परीक्षा की कॉपी जांचने की जिम्मेदारी दी।आरएएस-2021 की मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को अंकों में हेराफेरी करवाने की मंशा से दोनों बार निजी संस्थाओं से जुड़े एक ही शिक्षकों से जांच करवाई गई।

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