जयपुर। श्रावण शुक्ल पंचमी शुक्रवार 9 अगस्त को हस्त नक्षत्र और सिद्ध योग में नाग पंचमी(राजस्थान के अलावा) के रूप में मनाई जाएगी। महिलाएं भोलेनाथ के साथ नाग देवता की भी पूजा करेंगी। जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष या पितृ दोष है वे इस दोष से छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करेंगे। शिवालयों में नाग पंचमी के दिन भगवान शिव को चंदन अर्पित करेगी। नाग पंचमी के दिन चांदी की धातु से बने नाग-नागिन का जोड़ा किसी मंदिर में दान करना बहुत शुभ होता है। माना जाता है कि इससे धन लाभ की संभावना बढ़ जाती है।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का दूध से अभिषेक करने के साथ-साथ नाग देवता को भी दूध अर्पित करना चाहिए। नाग पंचमी के दिन सूर्य अस्त होते ही मिट्टी के दीये में गाय का दूध नाग देवता के नाम से घर के मंदिरों और कोनों में रखना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को सभी संकटों से छुटकारा मिल जाता है।
चांदी-तांबे के नाग-नागिन की बढ़ी मांग
सराफा बाजार में गुरुवार को तांबे और चांदी के नाग-नागिन की बिक्री हुई। ज्योतिषियों के बताने पर लोग अन्य धातु से बने नाग-नागिन के जोड़े भी खरीद रहे हैं। इनकी कीमत 500 रुपए से दो हजार रूपए तक है। इस तरह व्यवसायियों को इस पूरे सावन माह में नाग-नागिन के जोड़े, चांदी का शिव परिवार और त्रिशूल आदि का अच्छा कारोबार होने का अनुमान है।
चांदी के नाग-नागिन के जोड़े शिवलिंग पर चढ़ाने से राहु-केतु के अनिष्ट प्रभाव कम होते हैं। वहीं चांदी के बिल्व पत्र शिवलिंग पर चढ़ाने अथवा पूजा घर में रखने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। मानसिक शांति मिलती है। चांदी पर चंद्रमा का आधिपत्य है। चंद्रमा शीतलता प्रदान करता है। शिव ने अपने मस्तक पर चंद्रमा को सजा रखा है। ज्योतिषियों के कहने पर राहु एवं अन्य ग्रहों की शांति के लिए सर्पाकार आकृति की चांदी और तांबा आदि की अंगूठी भी बनवा रहे हैं। लॉकेट में नाग प्रतिमा जड़वाकर भी पहना जाता है।