जयपुर। चिकित्सा विभाग का राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम उन बच्चों के लिए वरदान सरीखा साबित हुआ है जो पैदाईश से ही विभिन्न शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के महत प्रयासों की वजह से न केवल इन बच्चों का इलाज निःशुल्क किया गया बल्कि उन्हें एक स्वस्थ और रौशन भविष्य की राह भी दिखाई है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हंसराज भदालिया ने बताया कि 11 वर्षीय बालक तनवीर योगी को जैसे नया जीवन मिला है। जन्मजात ह्रदय रोग से जूझ रहा तनवीर आज पूर्ण रूप से स्वस्थ है और यह सब चिकित्सा विभाग के राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के शानदार प्रयासों की बदौलत संभव हो सका है।
रामपुरा ग्राम निवासी और पेशे से मजदूरी करने वाले पिता हरिमोहन योगी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।बालक तनवीर 01 वर्ष का था तब से ही उसे लक्षण दिखाई देने लगे थे और वह अस्वस्थ रहने लगा था। पिता हरिमोहन ने उसे लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाए पर बात नहीं बनी।
समय बीतता गया और हाल ही में गत 10 फरवरी को जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की मोबाईल हैल्थ टीम “ए” गवर्नमेंट सीनियर सैकंडरी स्कूल रामपुरा में बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए आई तो वहां उन्हें परीक्षण के दौरान तनवीर के ह्रदय की बीमारी के विषय में पता लगा। मोबाईल हैल्थ टीम के डॉ. जगमोहन बैरवा, डॉ. पायल नहरिया ने उसे मानसरोवर स्थित इंडस अस्पताल रैफर कर दिया। टीम ने पिता हरिमोहन को हिम्मत बंधाई और समस्त ईलाज निःशुल्क होने के विषय में बताया।
इंडस अस्पताल में गत 14 फरवरी को डॉ. विनोद गुप्ता व उनकी टीम ने बालक तनवीर का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन सफल रहा और तनवीर को जन्मजात ह्रदय रोग की तकलीफ से मुक्ति मिल गईं। कुछ दिनों तक चिकित्सकों की देखरेख में रहने के बाद उसे गत 22 फरवरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
पिता हरिमोहन की ख़ुशी का आज कोई ठिकाना नहीं है। वह राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, चिकित्सकों और राज्य सरकार के प्रति कृतज्ञ है, जिनके प्रयासों की वजह से बालक तनवीर का ऑपरेशन निःशुल्क हुआ और उसे एक गंभीर रोग से मुक्ति मिल गई। इसमें बीसीएमओ डॉ. सौम्य पंडित, एडीएनओ डॉ. दिलीप शर्मा, आरबीएसके मोबाईल हैल्थ टीम “ए” के चिकित्सकों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों का उपचार किया जाता है. आरबीएसके की मोबाइल हैल्थ टीम विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों और शिक्षण संस्थानों पर जाकर लगभग 40 बीमारियों से ग्रस्त बच्चों के उपचार में मदद करती है. मोबाईल हैल्थ टीम बच्चों की जांच कर उस अनुरूप की जाने वाली चिकित्सा हेतु बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र , जिला अस्पताल या फिर मेडिकल कोलेज रेफर करती है. वहां इन बच्चों का निशुल्क उपचार किया जाता है।