जयपुर। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर 9 अप्रैल को भारतीय नव संवत्सर 2081 का आगाज होगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि, कुमार योग और अमृत सिद्धि योग और रेवती व अश्विनी नक्षत्र में वासंती नवरात्र भी शुरू होंगे। मध्याह्न में अभिजीत मुहूर्त घर और मंदिरों में घट स्थापना होगी। वहीं मंदिरों में रामचरितमानस व दुर्गा सप्तशती के पाठ शुरू होंगे। नवरात्र में 9 दिन शुभ संयोग रहेंगे, जो खुशहाली लेकर आएंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि चैत्र माह के वसंत नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार को हो रही है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना होगी। इस बार पूरे नौ दिन के नवरात्र होंगे। ज्योतिषाचार्य शास्त्री ने बताया कि नव संवत्सर इस बार मंगलवार से शुरू हो रहे है। मंगल पराक्रमी व क्रूर ग्रह माना जाता है। मंगल साहस, पराक्रम, सेना, प्रशासन, सिद्धांत आदि के कारक ग्रह हैं। इसके कारण पूरा वर्ष उथल-पुथल का रहेगा।
नवरात्रि के 9 दिन, व्रत—पर्व भी
9 अप्रैल: प्रथम नवरात्र, नवरात्र स्थापना, बसंत नवरात्र प्रारंभ, घटस्थापना, शैलपुत्री का पूजन
10 अप्रैल: द्वितीय नवरात्र, सिंजाजा, चेटीचंड, झूलेलाल जयंती, ब्रह्मचारिणी का पूजन
11 अप्रैल: तृतीय नवरात्र, गणगौर पूजन, मेला गणगौर, चन्द्रघण्टा का पूजन
12 अप्रैल: चतुर्थ नवरात्र, मेला बूढ़ी गणगौर, कूष्माण्डा का पूजन
13 अप्रैल: पंचम नवरात्र, श्री-लक्ष्मी पंचमी, स्कंदमाता का पूजन
14 अप्रैल: षष्ठ नवरात्र, यमुना जयंती, कात्यायनी का पूजन
15 अप्रैल: सप्तम नवरात्र, कालरात्रि का पूजन
16 अप्रैल: अष्टम नवरात्र, दुर्गाष्टमी, महाष्टमी, महागौरी का पूजन
17 अप्रैल: नवम नवरात्र, श्री राम नवमी, नवरात्रि पूर्ण, सिद्धिदात्री का पूजन
18 अप्रैल: नवरात्र व्रत पारणा व उत्थापन