जयपुर। जयपुर ज्वैलरी शो ने देश ही नहीं बल्कि विश्व भर में अपनी पहचान बनाई है। आभूषणों की विविध श्रृंखला – चाहे वह हीरा, सोना, चांदी, जेमस्टोन थ्रेड हो – यहां एक ही छत के नीचे प्रदर्शित की गई। यह न केवल व्यवसाय के लिए एक मंच है बल्कि युवा डिजाइनरों और छात्रों के कौशल को प्रदर्शित और पोषित भी करता है। यह बात राजस्थान के उप मुख्यमंत्री, डॉ प्रेम चंद बैरवा ने जयपुर ज्वैलरी शो 2023 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने रत्न एवं आभूषण उद्योग की बेहतरी के लिए राज्य सरकार द्वारा हर तरह से समर्थन देने का भी आश्वासन दिया।
चार दिवसीय द दिसंबर शो- जेजेएस का सोमवार को भव्य समापन हुआ। नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर के ढाई लाख वर्ग फीट में फैले हुए स्थान पर आयोजित इस शो के चार दिनों में करीब 50,000 हजार विजिटर्स व ट्रेडर्स शामिल हुए। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मिली सार्थक प्रतिक्रिया से आयोजक ही नहीं, बल्कि एग्जीबिटर्स भी काफी उत्साहित और संतुष्ट नजर आए। जेजेएस की इस वर्ष की एमरल्ड प्रमोशन ग्रुप की ब्रांड एंबेसडर और अभिनेत्री पूजा बत्रा ने शो का भ्रमण किया।
इससे पूर्व जेजेएस के चेयरमैन, श्री विमल चंद सुराणा ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस बार के जेजेएस में इस वर्ष उम्मीद से काफी अच्छा व्यापार हुआ है, 4 दिनों में करीब 50,000 विजिटर्स ने शो में शिरकत की है, जो कि इसे अब तक का सबसे बड़ा शो बनाता है। इसके साथ ही, शो में देशभर के लगभग 1000 टॉप ज्वैलरी रिटेलर्स और 6 अंतर्राष्ट्रीय एग्जीबिटर्स भी शामिल हुए। देश विदेश से बड़ी संख्या में ट्रेड विजिटर्स शो का हिस्सा बने। उन्होंने घोषणा की कि जेजेएस का आगामी संस्करण 20 से 23 दिसंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
जेजेएस मानद सचिव, राजीव जैन ने जेजेएस की तैयारियों व इसके चार दिन के सफर को साझा किया। उन्होंने बताया कि जेजेएस में एग्जीबिटर्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए पिछले वर्षों की तुलना में 1100 बूथ्स के साथ इस वर्ष 18 प्रतिशत वृद्धि देखी गई। जैन ने कहा कि नए स्थान और बड़े स्पेस के साथ पिंक क्लब और एमरल्ड पवैलियन भी विजिटर्स के बीच उत्सुकता का केंद्र बना रहा। वहीं 67 प्रतिशत ब्रांड्स के डिजाइनर बूथ हर बार की तरह इस बार का भी दूर से ही विजिटर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष जेजेएस को ईको-फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया है, जिसके अंतरर्गत शो के एड्स को कैनवस पर छपवाया गया, ताकि इसे दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। ऐसी पहले आगे भी जारी रखी जाएंगी। श्री राजीव जैन ने जेजेएस में शुरू की गई नई पहल तराश पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य विशेष रूप से रत्न और आभूषण उद्योग के लिए स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में योगदान देना है।
जेजेएस के प्रवक्ता, अजय काला ने समापन समारोह का संचालन किया। उन्होंने कहा कि इस बार का जेजेएस बिजनेस के साथ-साथ मैनेजमेंट के मामले में अभी तक का सर्वश्रेष्ठ शो रहा है। यह सबसे व्यापक, उपयोगी और व्यापार के मामले में भी एक संपूर्ण शो था। उन्होंने शो की सफलता के लिए सभी एग्जीबिटर्स, सैलर्स और विजिटर्स का आभार व्यक्त किया।
समापन समारोह में आयोजन से जुड़े वेंडर्स को उनके सहयोग के लिए स्मृति चिन्ह दिए गए। इनमें से अधिकांश तो वर्ष 2003 में जेजेएस की शुरुआत से ही जुड़े हुए हैं।
जेजेएस में ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग की मशीनरी का डेमोंस्ट्रेशन भी
जेजेएस में रत्न और आभूषणों के साथ-साथ विजिटर्स ने ज्वैलरी से संबंधित उत्पादों व मशीनरी में भी रूचि दर्शायी। शो में ज्वैलरी मैन्यूफैक्चरिंग की अलाइड मशीनरी के 68 बूथ्स पर कई प्रमुख वेंडर्स की भागीदारी रही। उनके स्टॉल्स पर ज्वैलरी तैयार करने की सीएएम (कंप्यूटर एडेड मैन्युफैक्चरिंग) से लेकर प्रिंटिंग, पॉलिशिंग और प्लेटिंग जैसी विभिन्न प्रक्रियाओं में काम आने वाली अत्याधुनिक मशीनरी प्रदर्शित की गई। कुछ बूथ पर मशीनों के डेमोंस्ट्रेशन के जरिए इनके वर्किंग प्रोसेस को भी समझाया गया।
जेजेएस ज्वैलरी डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस की दक्षता में सुधार लाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका को अच्छे से समझता है। शो में 3डी प्रिंटिंग, डिजाइनिंग, कास्टिंग, फिनिशिंग, लेजर वेल्डिंग, बॉल मेकिंग, लेजर मार्किंग और सोल्डरिंग के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनरी देखने को मिली। इसी तरह, ज्वैलरी प्लेटिंग इक्विपमेंट, एनामेलिंग, ट्रांसपेरेंट और कलर कोटिंग और अन्य ज्वैलरी फिनिशिंग मशीनरी ने भी विजिटर्स को आकर्षित किया।