जयपुर। मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर के सीनियर इन्फेक्शन डिजीज एक्सपर्ट डॉ. रविकांत पोरवाल ने नये कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता कार्यक्रम मे बात करते हुए बताया की पिछले दो सालों में कोविड में कोई नया मेजर म्यूटेशन देखने को नहीं मिला था और जो प्रमुख वेरिएंट, अभी तक संचारित हो रहा था उसका नाम है पायरोला वेरिएंट ( बीए-दो 86) किंतु लगभग चार महीने पहले एक नए वेरिएंट ने दस्तक दी, और पहला कैसे लक्जमबर्ग के एक पेशेंट के रूप में अपना नया स्वरूप दिखाया और उस वेरिएंट का नाम ( जेएन-वन ) रखा गया।
उसके ठीक बाद सभी प्रमुख देशों में इस वायरस के होने की पुष्टि हुई यह कोविड का एक नया स्वरूप या प्रकार बनकर उभरा है , और इस नए स्वरूप में यह वायरस पिछले कोविड संक्रमण के द्वारा या कोविड वैक्सीन के द्वारा होने वाली प्रोटेक्टिव इम्यूनिटी को एस्केप कर सकता है, इसका सीधा मतलब है कि व्यक्ति में बीमारी पैदा कर सकता है इस प्रक्रिया को इम्यून एस्केप के नाम से जाना जाता है और इसी कारण से सभी पश्चिमी देशों और साउथ ईस्ट एशिया में इस वायरस के कारण कोविड के मरीजों को अधिक संख्या में पाया जाने लगा है।
किंतु सौभाग्य से अभी तक जितने भी मरीज इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं वह केवल केवल एक मामूली ( माइल्ड ) रूप में ही बीमार हुए और जल्दी ठीक हो जाते हैं, कुछ पेशेंट जिनको अन्य बीमारियों के रूप में या शरीर की प्रतिरोधकता क्षमता कम होने के कारण हॉस्पिटल्स में एडमिट होना पड़ रहा है, इन कुछ लोगों में गंभीर निमोनिया या मृत्यु होने का रिस्क भी है, किंतु यह माइल्ड इलनेस की तुलना मे बहुत ही कम संख्या में देखने को मिल रहा है इसी कारण से डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरीअंट आफ इंटरेस्ट तक ही सीमित रखा है। इन्हीं प्रमुख कारणों से, में मानता हूं की जेएन-वन वायरस हमारे लिए सेकंड वेव जैसा परिदृश्य नही पैदा कर पाएगा , और अपितु कुछ समय के लिए कॉविड के माइल्ड इलनेस के मामलों में ही वृद्धि कर पाएगा ।
किंतु किसी भी स्थिति से निबटने के लिए हमें सावधानी बरतने की आवश्यकता है, और इसी के चलते भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की है और मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, अनावश्यक भीड़ में नहीं जाने की सलाह दी गई है। साथ ही यदि आप सर्दी जुकाम बुखार या सांस लेने की समस्या से पीड़ित हैं, तो तुरंत अपने आप को आइसोलेट कीजिए और शीघ्र से शीघ्र डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए। जिस तेज़ी के साथ यह वायरस संक्रमण फैला रहा है और जिस रिकवरी रेट से व्यक्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है ऐसा प्रतीत होता है कि अगले कुछ महीनों में यह वायरस अपने शिखर को पहुंच जाएगा और एक हर्ड इम्यूनिटी उत्पन्न हो जायेगी, उसके बाद हम सभी एक सामान्य जीवन की ओर अग्रसर हो सकेंगे किंतु जब तक ऐसा होता है सभी को कोविड प्रोटेक्टिव बिहेवियर का पालन करना होगा।