जयपुर। इस बार वर्ष की शुरुआत कन्या लग्न में होगी। इस वर्ष के आरंभ में मंगल सूर्य के युति संबंध से होगा। भारतीय शास्त्र में यह मंगल आदित्य योग के नाम से जाना जाता है और यह चौथे भाव में उपस्थति होगी। इस दृष्टिकोण से संपूर्ण केंद्र में भारत की नितिगत योजनाओं को गति मिलेगी। इसका अलग स्वरूप 2024 में नजर आएगा। यही नहीं ,भारत की राजनीतिक ,आर्थिक ,सामाजिक और शैक्षणिक गतिविधियों में भी बहुत सारे परिवर्तन और संशोधन देखने को मिलेंगे। वर्ष 2024 में मंगल आदित्य योग का विशेष प्रभाव दिखाई देगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि आने वाले साल 2024 विकास की और विकसित करेगा। बृहस्पति मंगल की राशि मेष में परिभ्रमण कर रहे हैं। इसलिए यहां चल रहे अनेक विकास कार्यों को और पंख लगेंगे। वर्ष 2024 का आरंभ केतु के आरंभिक चरण से है। गणना के आधार को देखें तो अंग्रेजी वर्ष का यह कालखंड अलग प्रकार से स्थितियों को दर्शा रहा है। क्योंकि पूरी दुनिया में गणनाओं के चक्र अलग-अलग प्रकार से होते हैं। इस दृष्टिकोण से यह वर्ष अलग-अलग संभावनाओं को तलाशते हुए परिस्थितियों को दर्शाएगा। भारत की स्थिति संपूर्ण विश्व में अलग प्रकार से आकार लेगी वहीं विश्व राजनीति में भारत का पक्ष मजबूत होगा।
चिकित्सा-सुरक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन
भारत में चिकित्सा और सुरक्षा से संबंधित मामलों में इस वर्ष अलग-अलग प्रकार के परिवर्तन देखने को मिलेंगे। वहीं शोध को गति मिलेगी। साथ ही सुरक्षा के मामलों में भारतीय सेना का प्रभाव अलग प्रकार से दिखाई देगा। तकनीकी संसाधनों से लैस यह एक विशिष्ट प्रकृति होगी। वहीं, चिकित्सा में संक्रमण से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए अलग-अलग शोध तथा शिक्षा के अवसर प्राप्त होंगे। भारत की ओर कई राष्ट्र जो विकासशील स्थिति में है, वह संबंधों को बढ़ाने का प्रयास करेंगे।
शिक्षा के क्षेत्र में भारतीयों की बढ़ेगी मांग
शिक्षा के अलग-अलग क्षेत्र में विद्यार्थियों की बढ़ती रुचि को प्रबल बौद्धिकता उनके कार्य क्षेत्र में विदेशी अवसर उपलब्ध करवाएगी। उनकी बौद्धिक और ज्ञान की विशिष्टता संपूर्ण विश्व में उनकी मांग को बढ़ाएगी। चाहे वह व्यावसायिक प्रबंधन का क्षेत्र हो या तकनीकी यांत्रिकी या चिकित्सा से जुड़ा क्षेत्र इनमें विशेष प्रभाव और मांग दिखाई देगी।