जयपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने मानव तस्करी और साइबर क्राइम मामले में शुक्रवार को राजस्थान सहित तीन राज्यों में सर्च किया। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में पांच जगहों पर एनआईए ने छापेमारी कर तलाशी ली। एनआईए सर्च के दौरान आपत्तिजनक सामग्री मिली। डिजिटल उपकरण और डॉक्युमेंट को जब्त किया गया है।
एनआईए ने तीनों राज्यों में संदिग्ध लोगों और ट्रैवल एजेंट्स के ठिकानों पर तलाशी ली। जो एमबीके ग्लोबल वीजा प्राइवेट लिमिटेड के ऑनर आरोपी बलवंत उर्फ बॉबी कटारिया से जुड़े हैं। शुक्रवार को जहां-जहां सर्च की कार्रवाई की गई। सभी बलवंत कटारिया से जुड़ी हुई हैं। एनआईए की जांच में सामने आया कि सभी संदिग्ध आरोपी मानव तस्करी के लिए लोगों को भर्ती करने और अन्य व्यवस्थाएं करवाने का काम कर रहे थे।
बलवंत मानव तस्करी सिंडिकेट भारत के अंदर-बाहर, गुरुग्राम और अन्य क्षेत्रों से संचालित कर रहा है। जो लाओस (एशिया में एक देश) में स्थित साइबर फ्रॉड कंपनी के लिए पीड़ितों की भर्ती और फिर मानव तस्करी के जरिए बाहर भेजने का काम करता है। सभी पीड़ितों को भारत से लाओस स्थित गोल्डन ट्राएंगल एसईजेड भेजा जा रहा है।
गौरतलब है कि गुरुग्राम पुलिस की ओर से मानव तस्करी और साइबर क्राइम को लेकर केस दर्ज किया गया था। जून के पहले हफ्ते में एनआईए ने मामले को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की। शुक्रवार को तीनों राज्यों में जिन संदिग्ध लोगों के ठिकानों पर सर्च किया गया। वे सभी आरोपी बलवंत की एमबीके ग्लोबल वीजा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए काम कर रहे थे।
लोगों को विदेशों में अच्छी नौकरी दिलाने का वादा करते थे। आरोपी बलवंत कटारिया के सहयोगी और ऑफिस से जुड़े लोग अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए फंसाते थे। पीड़ितों को धोखे से लाओस भेज दिया जाता था। वहीं उन्हें फ्रॉड करने वाले कॉल सेंटर पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। मना करने वाले युवाओं को फिजिकल टॉर्चर किया जाता। फिर ट्रैवल डॉक्युमेंट भी छीन लिए जाते थे।