जयपुर। सुभाष चौक पानो का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की आचार्य पीठ श्री सरस निकुंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ में गुरुवार को नवम् और दशम स्कंध की कथा हुई। व्यासपीठ से वृंदावन की धीर समीर पीठ के महंत मदन मोहन दास जी महाराज ने भगवान राम और कृष्ण जन्म की कथाओं का श्रवण कराकर उपस्थित सुधि श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
श्री शुक सम्प्रदाय पीठाधीश अलबेली माधुरी शरण जी महाराज ने प्रारंभ में व्यासपीठ और भागवज जी का पूजन किया। व्यासपीठ से मदन मोहन दास जी महाराज ने जब-जब धर्म की हानि होती है अधर्म की वृद्धि होती है तो भगवान अवतार के रूप में आकर जीव मात्र का उद्धार करते हैं। राम और कृष्ण के रूप में उन्होंने यही कार्य किया।
राम ने जहां मर्यादाओं और आदर्शों की स्थापना की वहीं भगवान कृष्ण ने अत्याचारों और अनाचारों को खत्म करने के लिए कांटे से कांटा निकालने वाली नीति अपनाई। इस मौके नंदोत्सव धूमधाम से मनाया गया। यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई…नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…जैसे बधाईगान पर फलों, खिलौनों की उछाल की गई।
श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि आचार्य महामुनीन्द्र शुकदेव महाराज की जयंती महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में शुक्रवार को अपराह्न तीन से शाम साढ़े छह बजे तक ठाकुरजी की बाल लीलाओं का श्रवण कराया जाएगा।