जयपुर। माघ मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी सोमवार को ठिकाना मंदिर श्री गोविंददेवजी में नित्यानंद प्रभु का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया गया। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी जी के सान्निध्य में सुबह ब्रह्म मुहूर्त वेला की मंगला आरती के बाद ठाकुर श्रीजी का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। ठाकुर श्रीजी का विशेष अलंकार धारण कराकर श्रृंगार किया गया। राजभोग आरती में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई।
ठाकुर श्रीजी को खीर और मालपुआ विशेष भोग अर्पण किया गया। उल्लेखनीय है कि कलयुग करुणा अवतार श्रीमन् चैतन्य महाप्रभु के प्रथम शिष्य नित्यानंद प्रभु जी को भगवान बलरामजी अवतार माना जाता है। उन्होंने भगवान के पवित्र नामों के सामूहिक जाप के माध्यम से इस युग की सभी पतित, भौतिक रूप से बद्ध आत्माओं तक भगवान कृष्ण की कृपा सभी को प्रदान की। गौड़ीय आचार्यों की शिक्षाओं के अनुसार नित्यानंद प्रभु सभी ब्रह्मांड के मूल गुरु हैं। उनकी शरण में जाए बिना चैतन्य महाप्रभु के भक्ति की कृपा नहीं प्राप्त हो सकती है।
जगतपुरा स्थित गुप्त वृंदावन धाम में सोमवार नित्यानंद त्रयोदशी धूमधाम से मनाई गई। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने श्रीकृष्ण-बलराम का अभिषेक किया। श्री गौर निताई के विग्रह का पंचगव्य, 21 फलों के रस, औषधियों एवं पुष्पों से महाभिषेक किया गया। भक्तों ने भाव विभोर होकर हरिनाम संकीर्तन और भगवन नाम का जाप किया।