जयपुर। ग्रहों के राजा सूर्य देव के रविवार मध्य रात्रि बाद मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मकर संक्रांति का पुण्य काल सोमवार को मनाया गया। मकर संक्रांति पर रवि योग, कुमार योग, शतभिषा नक्षत्र, वरियान योग का संयोग रहने से लोगों ने बढ़ चढक़र दान-पुण्य किया। इस मौके पर मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई गई। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में पतंगों की विशेष झांकी सजाई गई। ठाकुरजी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन पोशाक धारण कराई गई। तिल के लड्डू, फीणी का भोग लगाया गया।
मंदिर के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी ने सोने की पतंग उड़ाई, वहीं, राधाजी और सखियोंं ने चांदी की चरखी थामी। गर्भगृह और जगमोहन को कलात्मक पंतगों से सजाया गया। दर्शनार्थियों को जल, पृथ्वी और बेटी बचाने का संदेश देते हुए की पतंग प्रसाद स्वरूप भेंट की गई। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्रीसरस निकुंज में मकर संक्रांति पर ठाकुरजी को तिल से निर्मित व्यंजनों का भोग लगाया गया। पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथ जी, चौड़ा रास्ता के मदन गोपालजी, रामगंज बाजार के लाड़लीजी, चांदनी चौके आंनद कृष्ण बिहारी सहित अन्य मंदिरों में भी ठाकुरजी को तिल के व्यंजनों का भोग लगाकर पतंगोंं की झांकी सजाई गर्ई।
घर-घर लगा खीर-फीणी का भोग:
मकर संक्रांति पर महिलाओं ने घर-परिवार के बड़े-बुजुर्ग सदस्यों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। मकर संक्रांति के निमित्त 14 वस्तुएं कलपकर तिल के लड्डू के साथ भेंट की। घर के पूजा कक्ष में भगवान को फीणी और खीर का भोग लगाया गया।
गोशालाओं में उमड़े दानदाता:
बड़ी संख्या में लोगों ने गौशालाओं में गोवंश को हरा चारा और गुड़ खिलाकर दान-पुण्य किया। सांगानेर की श्री पिंजरापोल गोशला में सुबह से देर शाम तक लोग गायों को हरा चारा खिलाने पहुंचते रहे। लोगों ने गोशाला प्रबंधन को आर्थिक सहयोग भी किया। दुर्गापुरा स्थित गौशाला में भी दानदाताओं की भीड़ रही।
हिंगोनिया गौ पुनर्वास केंद्र में मकर संक्रांति पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बड़ी संख्या में लोग दान-पुण्य करने पहुंचे। हरे कृष्णा मूवमेंट की ओर से लोगों को प्रसाद वितरित किया गया।
बच्चों ने पतंग उड़ाकर मनाई खुशी:
मकर संक्रांति पर सुबह से बच्चों ने खासा उत्साह नजर आया। छतों पर बच्चों के साथ बड़े लोग भी पतंग उड़ाते हुए दिखाई दिए। लोगों ने यहां म्यूजिक सिस्टम लगाकर पतंगबाजी कर खूब इंजॉय किया।