जयपुर। चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतधारियों ने खरना मनाया। शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गन्ने के रस में बनी चावल की खीर, दूध, चावल का पिट्ठा और घी लगी रोटी का प्रसाद केले के पत्ते पर रखकर सूर्य भगवान और छठ मैया को अर्पित कर ग्रहण किया। परिवार और पड़ौस के लोगों को भी प्रसाद दिया गया।
इसके साथ ही व्रती का 36 घंटे के निर्जला उपवास शुरू हो गया। गुरुवार को सुबह महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर ठेकुआ, गुजिया, पुड़ी, पुआ सहित अन्य पकवान तैयार करेंगी। श्रद्धालु बांस के बने सूप में फल, ठेकुआ और सारे पकवानों को सजाकर टोकरी में बांधकर घाट पर पहुंचेंगे। शाम को सूर्यास्त के समय व्रती कमर तक पानी में खड़ी होकर सूर्य देव को अघ्र्य देंगे। रात भर घाट पर जागरण होगा। आठ नवंबर को संतान की लंबी आयु की कामना के साथ उगते सूर्य भगवान को छठ मैय्या मानते हुए अघ्र्य दिया जाएगा। व्रती छठ मैया से सुख-समृद्धि की कामना करेंगे। अघ्र्य के बाद व्रती घर आकर पारणा करेंगे।
गलताजी, एनबीसी के पीछे दुर्गा विस्तार कॉलोनी, शास्त्रीनगर किशन बाग, दिल्ली रोड , प्रताप नगर, मालवीय नगर, मुरलीपुरा, गणेश वाटिका, आमेर मावठा, निवारू रोड, कटेवा नगर, रॉयल सिटी माचवा, विश्वकर्मा, झोटवाडा, जवाहर नगर, आदर्श नगर, सिरसी रोड सहित अन्य क्षेत्रों में डाला छठ महापर्व को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। बिहार और उत्तरप्रदेश के निवासी घरों से लेकर नदी, तालाब के किनारे तक छठ मैया का पूजन-अर्चन करेंगे।