जयपुर। श्री पिंजरापोल गौशाला स्थित जैविक वन औषधीय पादप केंद्र में दो दिवसीय गौ आधारित प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान विभिन्न राज्यों से पधारे युवा व जागरूक किसानों ने प्राकृतिक व जैविक कृषि के बारे में बारीकी से जानकारी हासिल की l इस अवसर पर अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संयोजक व इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस एग्रीकल्चर स्किल डेवलपमेंट के चेयरमैन डॉ० अतुल गुप्ता ने उपस्थित किसानो को बताया कि गाय के गोबर में 300 प्रकार के बेक्टेरिआ व 1400 कम्पाउंड पाए जाते हैं जिसे एक मृत प्रायः भूमि में प्राण डाल कर उसे पूर्ण उपजाऊ बना कर उच्च किस्म की खजूर की खेती तक की जा सकती है l
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार किसानों के हित में काफ़ी योजनाओं के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना चाहती है l इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों ने इस बात पर अपनी सहमति व्यक्त की कि यदि निराश्रित गौ वंश को अपने-अपने घरों ने रख कर उसकी सेवा की जाये तो हम सभी अपने क्षेत्रों को निराश्रित गौ वंश मुक्त क्षेत्र बना सकते हैं तथा साथ ही साथ अपनी भूमि को भी जैविक कृषि के लिए आसानी से तैयार कर सकते हैं l किसानों ने एफपीओ व ओपीओडी आदि योजनाओं के बारे में भी जानकारी हासिल की l इस मौके पर आये हुए किसानों ने आँवला टी, मिल्लेट्स खिचड़ी व अन्य जैविक भोजन का भी आनंद लिया l
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में दौसा से गिर्राज मीणा, डीडवाना सिटी से दुर्जन सिंह गौड़, चाकसू से हेमराज देवन्दा व देवीलाल चौधरी, उदयपुर से पारस पटेल, मुरैना (म० प्र०) से जीतेन्द्र रावत, करौली से लोकेश मीणा व राज कुमार मीणा, सवाई माधोपुर से बसराम मीणा, सिरसी से जीतेन्द्र महृषि, साउथ दिल्ली से अभिषेक भारद्वाज, नागौर से देवेंद्र सिंह, गुजरात से धर्मेश कुमार आदि उपस्थित रहे l
इस अवसर पर हैनिमन चेरिटेबल मिशन सोसाइटी की सचिव मोनिका गुप्ता ने स्वयं सहायता समूह व क्लस्टर योजना के तहत किसानो को राष्ट्र निर्माण में सहयोग देने का आव्हान किया l