जयपुर। ‘हमने अपना कोई अंग हादसे में खोया है लेकिन जिंदगी से लड़ने का जोश और जुनून कायम है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ देने का पूरा प्रयास करेंगे।’इस जज्बे के साथ मंगलवार को फील्ड क्लब मैदान पर चौथी नेशनल फिजिकल डिसेबिलिटी T-20 क्रिकेट चैंपियनशिप का आगाज हुआ। ग्यारह दिवसीय इस चैंपियनशिप का आयोजन नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई) के सहयोग से किया जा रहा है। यह पहला मौका होगा जब टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को कार दी जाएगी।
मुख्य अतिथि सांसद डॉ. मन्नालाल रावत व पेरिस पैरालंपिक निशानेबाजी में कांस्य पदक विजेता मोना अग्रवाल को देश के विभिन्न राज्यों की 24 टीमों के 400 से अधिक खिलाड़ियों और उनके प्रशिक्षकों ने ध्वजा-रोहण के दौरान मार्च फार्स्ट कर सलामी दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. ने कहा कि खिलाड़ियों में शारीरिक दृष्टि से किसी कमी के बावजूद उनका उत्साह आसमान छू रहा है। हाल ही में पेरिस में संपन्न पैरालंपिक में भी अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने साबित भी किया है। निश्चय ही यहां के खेल मैदानों पर भी इस राष्ट्रीय क्रिकेट महाकुंभ में उनका समर्पण उत्कर्ष और नए कीर्तिमान बनाने का होगा। उन्होंने टूर्नामेंट के शुभारम्भ की घोषणा की।
संस्थान संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’ के सानिध्य में आयोजित उद्घाटन मैच के विशिष्ट अतिथि .पीसीसीआई के अध्यक्ष सुरेंद्र लोहिया, डीसीसीआई की प्रदेश अध्यक्ष ज्योत्सना चौधरी, ऑफिसर कॉर्पोरेट चेयरमैन डीसीसीआई राजेश भारद्वाज, बीसीसीआई मैनेजर एल्विन गायकवाड़, डीसीसीआई हैदराबाद अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल एवं नारायण सेवा संस्थान निदेशक वंदना अग्रवाल थे। उद्घाटन मैच राजस्थान व केरल के बीच हुआ।
राजस्थान ने पहले खेलते हुए 182 रन बनाए। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार ने 67 गेंद में शतक को लाँघते हुए 120 रन बनाए। संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने अतिथियों, खिलाड़ियों, डीसीआई के अधिकारियों व टीम प्रबंधकों का स्वागत करते हुए कहा के संस्थान वर्ष 2017 से ही राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग खिलाड़ियों के खेल महाकुंभ आयोजित कर उनके सशक्तीकरण की दिशा में अपने दायित्व का निर्वाह कर रहा है।
उन्होंने बताया कि उदयपुर शहर के फील्ड क्लब, बीएन यूनिवर्सिटी ग्राउंड, गीतांजली ग्राउंड, नारायण पैरा स्पोर्ट्स एकेडमी, डबोक और करनपुर क्रिकेट ग्राउंड में कुल 67 मैच होंगे। 24 टीमों को चार ग्रुप में बाटा गया है। प्रतिदिन 8 मैच होंगे। चारों ग्रुप के 60 लीग मैच होंगे। 25 अक्टूबर को फाइनल मैच फील्ड क्लब में खेला जाएगा। सभी खिलाडियों के सुरक्षा, यातायात, भोजन, आवास एवं भ्रमण की उनके अनुकूल श्रेष्ठ व्यवस्था की गई है।
संस्थान दो नेशनल पैरा स्विमिंग, एक नेशनल ब्लाइंड क्रिकेट, एक नेशनल व्हीलचेयर क्रिकेट चैंपियनशिप और थर्ड नेशनल डिसएबल्ड क्रिकेट चैंपियनशिप का पूर्व में सफलता पूर्वक आयोजन कर चुका है। व्हीलचेयर क्रिकेट चैंपियनशिप का आयोजन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।
डीसीसीआई की ओर से स्वागत करते हुए सचिव रविकांत चौहान ने बताया कि चैंपियनशिप में भाग लेने वाले खिलाड़ियों का चयन पिछले एक वर्ष में हुए विभिन्न टूर्नामेंट में प्रदर्शन को आधार मानकर किया गया है। ये सभी खिलाड़ी 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के हैं। इस चैंपियनशिप में ज्यादातर खिलाड़ी एक हाथ या एक पैर से अथवा जन्मजात शारीरिक दिव्यांगता से ग्रस्त हैं। कुछ खिलाड़ियों के शरीर अर्द्धविकसित भी है।
इस स्टैंडिंग क्रिकेट में हर टीम को 4 रनर मिलेंगे। यह उन खिलाडियों को उपलब्ध कराए जाएंगे जो वैशाखी, आर्टीफिशियल लिम्ब या शारीरिक रूप से दौड़ने में असमर्थ है। इस चैंपियनशिप में सबसे दमदार प्रदर्शन करने वाले क्रिकेटर को कार मिलेगी जबकि ‘मैन ऑफ द सीरीज’ को स्कूटी प्रदान की जाएगी।
उहोंने बताया कि इस चैंपियनशिप में इंडिया टीम के कप्तान विराट कैनी, मुम्बई के रविंद्र सन्ते, विदर्भ के गुरुदास राउत, बंगाल के तुषार रॉय, गुजरात के आसित जायसवाल, जम्मू -कश्मीर के वसीम इक़बाल और अमीर हिस्सा ले रहे हैं। जो पैरा वर्ल्ड कप टूनामेंट का हिस्सा रहे हैं।