जयपुर। प्रिज़न एड एंड एक्शन रिसर्च (पार) द्वारा बुधवार को सांगानेर खुली जेल में बच्चों के लिए डोनेशन ड्राइव का आयोजन किया गया। कोलकाता स्थित संगठन ‘पार’ की यह पहल जेल में अपने परिवारों के साथ रहने वाले बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की देखभाल करने पर केंद्रित है। अभियान के तहत, 2 से 13 वर्ष की आयु के 300 से अधिक बच्चों को 300 हूडीज, 600 स्कूल के जूते और स्नीकर्स वितरित किए गए। ये बच्चे खुली जेल के अंदर स्थित प्राथमिक विद्यालय या आंगनवाड़ी में पढ़ते हैं।
‘पार’ की संस्थापक, स्मिता चक्रवर्ती ने कहा कि, “पार पूरे देश में खुली जेल के सांगानेर मॉडल के विस्तार का समर्थन करता है। स्मिता ने कहा, हमारा संगठन भले ही कोलकाता में स्थित है, लेकिन हमारी टीम हर वर्ष इस समय में सांगानेर जेल का वार्षिक दौरा करती है और बच्चों को आवश्यक चीजें प्रदान करती है। हम यहां स्थित स्कूल और आंगनबाड़ी का विशेष रूप से सहयोग करते हैं।”

सांगानेर खुली जेल भारत की सबसे बड़ी खुली जेल है और इसमें 450 कैदी अपने परिवार के साथ रहते हैं। जेल में उन बच्चों के लिए आंगनबाड़ी और एक प्राथमिक विद्यालय भी है, जो वहां अपने माता-पिता के साथ रहते हैं।
‘पार’ एक गैर-पक्षपाती वकालत संगठन है जो पूरे भारत में जेल प्रणालियों का अध्ययन करता है। इनका विश्वास है कि प्रत्येक व्यक्ति को दूसरा अवसर मिलना चाहिए, इसलिए वे सुधार के पक्ष में एक सार्वजनिक धारणा का निर्माण करने की आशा करते हैं।
संगठन बड़े पैमाने पर बंद जेलों से खुली जेल प्रणाली में परिवर्तन के लिए वकालत की संरचना तैयार करने की दिशा में काम करता है। खुली जेलों पर आवधिक शोध के माध्यम से, पार का उद्देश्य खुली जेलों पर तथ्यों, ज्ञान और विमर्शों का एक संपूर्ण संग्रह तैयार करना और अधिक खुली जेलों की सिफारिश करना है।