जयपुर। पूरी दुनिया हमारे देश की ओर देख रही है। ऐसे में न केवल न्यूट्रिशन बैलेंस डाइट बल्कि बच्चों के समग्र विकास पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। यह विचार प्रदेश स्कूल शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने व्यक्त किए। वे शनिवार को गीता बजाज ऑडिटोरियम में सीडब्ल्यूसी (क्रैक द वेलनेस कोड) द्वारा आयोजित ‘स्वस्थ बचपन, खुशहाल जीवन’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, और बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ताओं का संबोधन
सीडब्ल्यूसी के फाउंडर प्रबंध निदेशक विंग कमांडर वी. के. काला, यूनेस्को में भारत के विद्यालयी स्वास्थ्य प्रतिनिधि डॉ. राहुल मेहरा, और कार्यक्रम निदेशक डॉ. गार्गी गोपेश समेत अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम में विभिन्न नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से विद्यार्थियों ने स्वस्थ जीवन शैली, नशा मुक्ति, और संतुलित आहार जैसे विषयों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। मंच संचालन शरद कामरा ने किया, जिन्होंने बच्चों को बेहतरीन तरीके से बांधे रखा और कार्यक्रम को रोचक बनाए रखा।
मोबाइल से दूरी और समग्र विकास पर जोर
कृष्ण कुणाल ने बच्चों को स्वस्थ आदतें अपनाने, मोबाइल से दूरी बनाने, और खेलकूद में भाग लेने की सलाह दी। उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे 80 लाख बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ों का जिक्र करते हुए बताया कि 95,000 बच्चों में सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता पाई गई है, जिस पर सरकार सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।
बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से बदलाव जरूरी
सीडब्ल्यूसी के फाउंडर प्रबंध निदेशक विंग कमांडर वी. के. काला ने कहा कि बच्चों में प्रारंभिक अवस्था से ही स्वस्थ आदतों का विकास करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि संस्था इसी उद्देश्य को लेकर नियमित रूप से कार्यरत है।
स्वस्थ आदतों के महत्व पर प्रकाश
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. राहुल मेहरा ने यूएसए में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि असंतुलित खानपान के कारण कैंसर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने बच्चों और अभिभावकों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी।