जयपुर। साल के आखिरी पुष्य नक्षत्र पर शुक्रवार को जयपुर शहर के गणेश मंदिरों में प्रथम पूज्य का पंचामृत अभिषेक किया गया। साथ ही गणेश जी महाराज को फूल बंगले में विराजमान कर अथर्व शीर्ष के पाठ,गणपति अष्टोत्तर शतनामावली पाठ और गणपति स्त्रोत से रिझाया गया। इस दौरान भक्तों को रक्षा सूत्र बांटे गए।
चांदपोल परकोटा गणेश मंदिर में पुष्य नक्षत्र के अवसर पर दूध से गणेश जी महाराज का अभिषेक किया गया। युवाचार्य पंडित अमित शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर गणेश जी महाराज को ध्वजा अर्पण कर शिखर पर लगाई गई। नवीन पोशाक धारण करा फूल बंगले में विराजमान किया । गणेश जी महाराज का दूध से व पंचामृत व केसर जल से अभिषेक करा सिंदूर का चोला चढ़ाया।
गणेश जी महाराज को फूल बंगले में विराजमान कर गणपति अथर्वशीर्ष के पाठ कर गणपति सहस्त्रनामावली से मोदक दूर्वा व शमी पत्र अर्पण कर श्रद्धालुओं को रक्षा सूत्र बांध हल्दी की गांठ वितरित की। वहीं जयपुर के प्रसिद्ध मोती डूंगरी गणेश मंदिर में शुभ योग में भगवान गणपति का पंचामृत अभिषेक किया गया। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान श्री का 151 किलो दूध, 21 किलो बूरा, 21 किलो दही, शहद, सवा पांच किलो किलो घी से तैयार पंचामृत से अभिषेक किया गया।
इसके बाद भगवान गणपति का गुलाब जल और केवड़ा जल से अभिषेक किया गया। अभिषेक के बाद गणेशजी महाराज को मोदक अर्पित किए गए। वहीं, भक्तों को रक्षा सूत्र और प्रसाद वितरित किया गया। इसके अलावा राजधानी के अन्य प्रमुख गणेश मंदिरों में शामिल सूरजपोल बाजार स्थित श्वेत सिद्धि विनायक गणेश जी मंदिर में वेद मंत्रों के बीच भगवान का दुग्धाभिषेक किया गया। इसके बाद विशेष पूजन हुआ।