नई दिल्ली। डॉ. अजय चौधरी, एचसीएल के संस्थापक, ऐपिक फाउंडेशन के अध्यक्ष के अनुसार पैसिव कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम की घोषणा का स्वागत करता हूँ। वित्त वर्ष 26 से वित्त वर्ष 32 तक 6 वर्षों की अवधि के लिए 22,919 करोड़ के स्वीकृत परिव्यय के साथ, यह योजना इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में भारत के विकास पथ में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
सरकार शुरू से ही सही दिशा में आगे बढ़ रही है, उसने सेमीकंडक्टर मिशन की घोषणा की है, जो देश के लिए ऐक्टिव कम्पोनेंट और सेमीकंडक्टर चिप्स बनाएगा। इससे पहले, सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक प्रमुख पीएलआई कार्यक्रम की भी घोषणा की थी, जिसके परिणामस्वरूप इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और भारत में रोजगार और यहां से होने वाला निर्यात भी बढ़ा है।
इसके बाद, यह देश में वैल्यू ऐडिशन बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा स्वीकृत की जाने वाली सबसे महत्वपूर्ण योजना है। और यह कुछ ऐसा है जिसके होने का मैंने दशकों से इंतजार किया है। यह बहुत अहम है क्योंकि कदम दर कदम, सरकार ने हर उस पहलू पर काम किया है जिसकी उद्योग को जरूरत थी। और यह इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है।
यह पहल भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है, जो देश को वैश्विक बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।