जयपुर। ढूंढाड़ी कवि बिहारी शरण पारीक की द्वितीय पुण्यतिथि पर दुर्गापुरा में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय समरस सृजन संस्था के कवि एवं गीतकार जगदीश मोहन रावत की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. श्यामसिंह राजपुरोहित और विशिष्ट अतिथि प्रेम पहाड़पुरी थे। तीनों अतिथियों ने काव्य पाठ भी किया।
वैद्य भगवान सहाय पारीक ढूंढाड़ी में रचना गोपियां ने भावै मोबाइल तेरी बंशी कौन सुनैगो…,अरुण ठाकर ने किसी दिन हम भी सितारों में होंगे…, बालमुकुंद पुरोहित ने पिंजरे में बंद तोता बोले,बोले अपनी मैना से… सुनाकर दाद पाई। कवि अमित आजाद ने जमाने में तो हैं रिश्ते बहुत आते कहने को, पर पिता से बढक़र कोई रिश्ता नहीं होता। पिता तू हमारे लिए तो आसमां है, अगर तू साथ है तो दर्द कहां है… भावपूर्ण रचना पढ़ी।
वरुण चतुर्वेदी, सोहनलाल शर्मा सोहन ने सुणोजी म्हारा जैपुर छा बड़ा कवि दादाभाई। शुभनाम कवि बिहारी शरण, करै छा कविताई… सुनाकर श्रद्धाजंलि अर्पित की। किशोर पारीक किशोर ने अपने बाबूजी के कुछ हास्य-संस्मरण सुलाने के बाद रचनाएं सुनाई। कवयित्री नीता भारद्वाज, सावित्री रायजादा, रमेश चिंतक, कवयित्री रंजिता जोशी, बिहारी शरण, केसरदेव मारवाड़ी, गंगाधर शर्मा ने भी शानदार कविताएं सुनाई। गोष्ठी का संचालन समरस संस्थान के वरिष्ठ. उपाध्यक्ष राव शिवराजपाल सिंह ने किया।