जयपुर। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने शुक्रवार को एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए साल 2015 में गंगापुर सिटी में नगर परिषद चेयरमैन की घर के बाहर कनपटी पर गोली मारकर हत्या के मामले में घटना के समय से फरार चल रहे मुख्य आरोपी गोविंद जाट पुत्र राधेलाल निवासी गांव रीठोती थाना कुम्हेर (जिला डीग) को थाना सेवर (जिला भरतपुर) इलाके से दस्तयाब किया है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स एवं अपराध दिनेश एमएन ने बताया कि पकड़े गए गंगापुर सिटी जिले के टॉप 10 मोस्ट वान्टेड की सूची में शामिल बदमाश के ऊपर आईजी रेंज भरतपुर द्वारा 35 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। ये 9 साल पहले गंगापुर सिटी नगर परिषद चेयरमैन डॉ प्रकाश चन्द अग्रवाल हत्या कांड का मुख्य आरोपी है। आरोपी घटना के बाद हरियाणा, दिल्ली, मथुरा क्षेत्र में फरारी काट रहा था।
एडीजी एमएन ने बताया कि डीआईजी क्राइम योगेश यादव एवं एडिशनल एसपी एजीटीएफ श्री विद्या प्रकाश के नेतृत्व में एएसआई शैलेंद्र कुमार, हैड कांस्टेबल मदनलाल एवं कांस्टेबल बृजेश कुमार की टीम, आसूचना संकलन कर करीब 4 महीनों से इस पर नजर रखे हुए थी। शुक्रवार को एएसआई शैलेंद्र व कांस्टेबल बृजेश को सूचना मिली कि गोविंद सिंह बयाना से सेवर होते हुए मथुरा की तरफ जाएगा।
इस सूचना पर एजीटीएफ ने गंगापुर सिटी एसपी सुजीत शंकर के समन्वय में सेवर थाना इलाके में सरसों अनुसंधान केंद्र के पास घेराबंदी कर गोविंद सिंह को डिटेन कर लिया। जिसे बाद में गंगापुर सिटी से आई टीम को सौंप दिया गया।
साल 2015 में घर के बाहर कनपटी पर दो गोली मारकर की गई थी हत्या
एमएन ने बताया कि ईदगाह मोड़ गंगापुर सिटी निवासी नगर परिषद चेयरमैन डॉ प्रकाश अग्रवाल 9 जून 2015 की रात घर के बाहर खड़ी कार अंदर कर रहे थे। इतनी देर में बाइक पर दो युवक आए। पीछे बैठे युवक ने कट्टे से डॉ अग्रवाल की कनपटी पर दो फायर कर दिए, जिससे उनकी मौत हो गई।
फायर की आवाज सुनकर आस पड़ोसी आए तो दोनों बदमाश बाइक लेकर फरार हो गए। मामले में मुख्य आरोपी गोविंद सिंह रीठोटी सहित पंजाब के मोगा शहर निवासी रणजीत पुत्र सुरजीत सिंह फरार चल रहे थे। इन दोनों पर आईजी रैंज द्वारा 35-35 हजार का इनाम रखा गया।
इस संपूर्ण कार्रवाई में एजीटीएफ के एएसआई शैलेंद्र कुमार व कांस्टेबल बृजेश कुमार की विशेष भूमिका एवं हैड कांस्टेबल मदनलाल का तकनीकी सहयोग रहा। इसमें गंगापुर सिटी अपराध शाखा के कांस्टेबल नरेंद्र सिंह व सुरजन सिंह भी शामिल थे।